अगले जत्थे में महिला किसान, 16 दिसंबर को ट्रैक्टर मार्च… आज दिल्ली कूच रोकने के बाद पंढेर का ऐलान

किसानों और सुरक्षाकर्मियों के बीच एक बार फिर टकराव हुआ है. इस दौरान सुरक्षाकर्मियों ने किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछारें की. इस दौरान कुछ किसान घायल हो गए हैं, जिसके बाद किसानों के दिल्‍ली मार्च को आज के लिए टाल दिया गया है. यह तीसरी बार है जब किसानों का दिल्‍ली मार्च एक दिन के लिए स्‍थगित किया गया है. 
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने ऐलान किया कि 16 मार्च को पंजाब को छोड़कर सभी राज्‍यों में ट्रैक्‍टर मार्च होगा तो 18 मार्च को तीन घंटे के लिए रेल जाम करेंगे. 

शनिवार को 101 किसानों के जत्थे ने दिल्‍ली की ओर मार्च शुरू किया. हालांकि कुछ मीटर आगे बढ़ने के बाद ही प्रदर्शनकारी किसानों को हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा लगाए गए बहुस्तरीय अवरोधकों से रोक दिया गया. उन्होंने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछार कीं.

किसानों के जत्‍थे को वापस बुलाया

जानकारी के मुताबिक, आंसू गैस के गोले दागने से कुछ किसान घायल हो गए और उन्हें प्रदर्शन स्थल पर खड़ी एंबुलेंसों से नजदीकी अस्पताल ले जाया गया है. इसके बाद आज किसानों के इस जत्‍थे को वापस बुला लिया गया है. 

इसके बाद किसान नेताओं ने एक प्रेस कॉन्‍फेंस कर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि पैदल जा रहे किसानों पर बल प्रयोग किया गया है. उन्‍होंने आरोप लगाया कि एक तरफ वार्ता करते हैं तो दूसरी ओर बल प्रयोग किया जा रहा है. पंढेर ने संवाददाताओं को बताया कि आंदोलन की अगुवाई कर रहे दोनों मंचों ने ‘‘जत्थे का मार्च रोकने” का फैसला किया है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों की कार्रवाई में 17-18 किसान घायल हुए हैं. 

रबर की गोलियां चलाने का आरोप

किसान नेता मंजीत सिंह राय ने आरोप लगाया कि सुरक्षाकर्मियों ने रबर की गोलियां भी चलाईं जिसमें एक किसान गंभीर रूप से घायल हो गया. उन्होंने कहा, ‘‘दोनों मंचों ने आज के लिए जत्थे को वापस बुलाने का निर्णय लिया है और बैठक के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी.”

पंढेर ने आरोप लगाया, ‘‘किसानों को तितर-बितर करने के लिए रसायन मिश्रित पानी का इस्तेमाल किया गया और इस बार अधिक आंसूगैस के गोले दागे गए.” हालांकि, अंबाला कैंट के पुलिस उपाधीक्षक रजत गुलिया ने आरोपों का खंडन किया. 

कोई किसानों की आवाज नहीं उठा रहा : पंढेर

पंढेर ने कहा कि जब संसद में संविधान को अपनाने के 75 साल पूरे होने पर बहस चल रही है, तो ‘‘संसद में कोई भी किसानों के लिए आवाज नहीं उठा रहा है…यहां हम जानना चाहते हैं कि हमारे विरोध पर कौन सा संविधान लागू होता है. 101 किसानों का जत्था देश की कानून-व्यवस्था के लिए खतरा कैसे बन सकता है.”

पंढेर ने कहा कि हमारे स्टेज पर आंसू गैस के बम फेंके गए हैं. उन्‍होंने सवाल किया कि आखिर सरकार की मंशा क्या है? उन्‍होंने बताया कि आज के बल प्रयोग में 17 किसान जख्मी हुए हैं. कुछ किसान ज्यादा जख्मी हुए हैं. 

उन्‍होंने सवाल किया कि किस संविधान के तहत नेशनल हाइवे पर दीवारें खड़ी की गई हैं. उन्‍होंने कहा कि किसान के मुद्दे पर संसद में कोई चर्चा नहीं हो रही है. हमारी आवाज पूरे देश में जा रही है, लेकिन सरकार के कानों में नहीं.  उन्‍होंने आरोप लगाया कि सरकार सत्ता के नशे में चूर है. 

16 को ट्रैक्‍टर मार्च, 18 को रोकेंगे ट्रेन

सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि 16 दिसंबर को पंजाब को छोड़कर सभी राज्यों में ट्रैक्टर मार्च होगा. 18 दिसंबर को 12 बजे से 3 बजे तक पूरे पंजाब में रेल जाम करेंगे. साथ ही उन्‍होंने कहा कि कल 11 बजे शंभू बॉर्डर पर दोबारा प्रेस कॉन्‍फ्रेंस की जाएगी. साथ ही आरोप लगाया कि किसानों पर रबड़ की गोलियां दागी गई हैं. 

उन्‍होंने बताया कि अगला जत्था दिल्ली के लिए कूच करेगा, उसमें हरियाणा के किसान और महिलाएं भी होंगी. 

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