भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ ने हाई कोर्ट में दायर अपनी याचिका वापस ले लिया है. बुधवार सुबह इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में लंबित अपनी याचिका को वापस लिया है. ये याचिका उन्होंने समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद के निर्वाचन को लेकर दाखिल की थी.अवधेश अब समाजवादी पार्टी के फ़ैज़ाबाद से सांसद हैं.जब याचिका दायर की गई थी तब वे मिल्कीपुर से विधायक चुने गए थे.अब जब बाबा गोरखनाथ ने अपनी याचिका वापस ले ली है तो क्या अब मिल्क़ीपुर में चुनाव कराए जाने का रास्ता निकल सकता है !
आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने मंगलवार को यूपी की 10 में से सिर्फ़ 9 सीटों पर मतदान कराने का फ़ैसला किया. आयोग ने मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर चुनाव टाल दिया था. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि अदालत में पेटिशन पेंडिंग होने के कारण चुनाव नहीं हो रहा है. लेकिन अब जो वो याचिका वापस हो गई तो फिर वहाँ चुनाव कब होंगे ! क्या मिल्कीपुर में उप चुनाव बाक़ी विधानसभा सीटों के साथ 13 नवंबर को हो सकता है ! जानकारों का कहना है कि ये संभव है.
मिल्क़ीपुर में विधानसभा चुनाव टल जाने का मामला यूपी में बड़ा राजनैतिक मुद्दा बन गया है. इसी बहाने समाजवादी पार्टी ये माहौल बनाने में जुटी है कि बीजेपी को हार का डर सता रहा है. अखिलेश यादव कहते हैं ” जिसने जंग टाली है, समझो उसने जंग हारी है”. समाजवादी पार्टी का आरोप है कि चुनाव आयोग और बीजेपी की मिली भगत से ये सब हुआ है. पार्टी के प्रवक्ता उदय वीर सिंह कहते हैं कि सीसामऊ से विधायक रहे इरफ़ान सोलंकी की याचिका के कारण वहाँ तो चुनाव नहीं चला फिर मिल्कीपुर पर इतनी मेहरबानी क्यों !
फ़ैज़ाबाद ज़िले की मिल्कीपुर विधानसभा का उप चुनाव अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ में आर पार की लड़ाई बन गया है. दोनों नेताओं ने ये चुनाव जीतने के लिए पूरी ताक़त झोंक दी है. क्योंकि मामला अयोध्या से जुड़ा है. फ़ैज़ाबाद लोकसभा का हिस्सा है अयोध्या. पर पिछले लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने हिंदुत्व की प्रयोगशाला मानी जा रही फ़ैज़ाबाद सीट जीत ली. लोकसभा में फ़ैज़ाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद राहुल गांधी और अखिलेश यादव के साफ़ सबसे आगे वाली सीट पर बैठते हैं. विपक्ष की तरफ़ से कहा गया कि बीजेपी तो अयोध्या भी नहीं बचा पाई. जबकि से माना जा रहा था कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद बीजेपी यहाँ शानदार जीत दर्ज करेगी.
फ़ैज़ाबाद लोकसभा क्षेत्र का ही एक हिस्सा है मिल्क़ीपुर. यहाँ से विधानसभा उप चुनाव जीत कर बीजेपी ये साबित करना चाहती है समाजवादी पार्टी की जीत बस तुक्के में हो गई. इसीलिए इस सीट की ज़िम्मेदारी खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने ले ली है. वे पिछले महीने भर में पाँच पार वहां का दौरा कर चुके है. इस बार समाजवादी पार्टी ने सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत को मिल्कीपुर से टिकट दिया है. अखिलेश कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं.
अयोध्या की मिल्कीपुर से बीजेपी के पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा है कि वो हाईकोर्ट में अपनी याचिका वापस ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि अवधेश प्रसाद के वक़ील का रजिस्ट्रेशन ख़त्म हो चुका था,इसलिए उन्होंने अवधेश प्रसाद के निर्वाचन को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की बिल्कुल उम्मीद नहीं थी कि उनकी याचिका के आधार पर चुनाव की तारीख़ों का ऐलान नहीं होगा. ऐसे में जैसे ही उन्हें पता चला कि तारीख़ों का ऐलान उनकी वजह से नहीं हुआ है तो वो हाईकोर्ट में याचिका वापस लेने की अपील करने कोर्ट पहुंच गये. उन्होंने कहा कि वो अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ने को तैयार हैं.
बाबा गोरखनाथ के वक़ील रूद्र विक्रम सिंह ने कहा कि अवधेश प्रसाद के काग़ज़ात सही नहीं थे, जिसको हमने चुनौती दी थी. आज वो कोर्ट से याचिका वापस लेने की अपील करने आये हैं. उन्हें उम्मीद है कि कोर्ट जल्द से जल्द याचिका वापस लेने की अपील को स्वीकार करेगा. इसके बाद हम चुनाव आयोग को भी इस बाबत सूचित करेंगे और मांग करेंगे कि जैसे बाक़ी सीटों पर चुनाव हो रहे हैं वैसे ही मिल्कीपुर में भी चुनाव की तारीख़ों का ऐलान किया जाए.