लोकसभा में अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू ने जैसे ही वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पेश किया, विपक्षी दलों ने हंगामा शुरू कर दिया. इस बिल को लेकर AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Owaisi On Waqf Amendment Bill) भी नाराज दिखे. उन्होंने कहा कि आप मुसलमानों के दुश्मन हैं, ये बिल इसी बात का सबूत है. आप इस बिल की मदद से मुझे प्रार्थना करने से भी रोक रहे हैं. ओवैसी ने कहा कि कल को अगर कोई आकर बोलेगा कि मैं पांच साल से प्रैक्टिस नहीं कर रहा हूं या कोई न्यू कन्वर्ट है, तो क्या उसे 5 सालों तक इंतजार करना होगा.
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ओवैसी ने कहा कि इस तरह का कोई प्रावधान हिंदू एंडोमेंट या सिख गुरुद्वारा प्रंबंधन कमेटी के लिए नहीं है. ओवैसी ने कहा कि वक्फ प्रॉपर्टी पब्लिक प्रॉपर्टी नहीं है. क्या सरकार दरगाह, वक्फ जैसी प्रॉपर्टी लेना चाहती है. ओवैसी ने आगे कहा कि सरकार का कहना है कि वह महिलाओं को दे रहे हैं. ओवैसी ने कहा कि मुझे यकीन है कि क्या आप बिल्किस बानो और जाकिया जाफरी को मेंबर बनाएंगे.
‘आप दुश्मन हैं मुसलमानों के.. इसका सबूत यह बिल है’
वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर भड़के AIMIM सांसद @asadowaisi
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— NDTV India (@ndtvindia) August 8, 2024
‘जोड़ने का नहीं बांटने का काम कर रहे’
उन्होंने कहा कि इस बिल के जरिए आप देश को जोड़ने का नहीं बल्कि बांटने का काम कर रहे हैं. उन्होंने सरकार को मुसलमानों का दुश्मन करार देते हुए कहा कि ये बिल इसका प्रमाण है. वहीं, समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्लाह ने कहा कि ये बिल मुसलमानों के साथ अन्याय करने जैसा है. हम बहुत बड़ी गलती करने जा रहे हैं, इस बिल का खामियाजा हमें सदियों तक भुगतना पड़ेगा. यह किसी धर्म में हस्तक्षेप करने जैसा है. कुरान या इस्लाम में क्या लिखा है, ये आप तय नहीं करेंगे.
किसी का अधिकार नहीं छीना जाएगा
इस बिल को लेकर विपक्ष की शंका का जवाब देते हुए मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि इस विधेयक से किसी भी धार्मिक संस्था की स्वतंत्रता में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा और न ही किसी का अधिकार छीना जाएगा. उन्होंने कहा कि इसे उन लोगों के लिए लाया गया है, जिनको कभी अधिकार मिला ही नहीं. उन्होंने कहा कि विपक्ष की सभी आशंकाओं को दूर किया जाएगा.
क्या है वक्फ बोर्ड संशोधन बिल लाने का मकसद?
वक्फ बोर्ड अधिनियम संशोधन बिल 2024 के जरिए 44वां संशोधन करने जा रही है. केंद्र सरकार ने इस बिल को लोकसभा में पेश किए जाने से पहले कहा था कि इस बिल को पेश करना मकसद वक्फ की संपत्तियों का सुचारू रूप संचालित करना और उसकी देखरेख करना है.सदन में इस बिले के पेश होते ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हंगामा शुरू हो गया. विपक्षी दलों ने इस बिल को किसी समुदाय विशेष खिलाफ बताया.