Medicines side effects: डिमेंशिया की बीमारी तेजी से बढ़ रही है. दुनिया में 55 मिलियन लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं और हर साल 10 मिलियन नए केस सामने आ रहे हैं. यह बीमारी 65 साल से अधिक के बुजुर्गों को अपना शिकार बनाती है. यह न्यूरोलॉजिकल बीमारी है जिसमें मरीज चीजें रखकर भूल जाता है, उसे घबराहट हो सकती है, कोई फैसला लेने में मुश्किल हो सकती है. डिमेंशिया हल्का भी हो सकता है और इसकी गंभीर स्थिति भी हो सकती है. गंभीर स्थिति में पहुंचने पर मरीज को रोजमर्रा के कामकाज में मदद की आवश्यकता भी पड़ सकती है.
डिमेंशिया क्या है
डिमेंशिया एक सिंड्रोम है जिसके कारण संज्ञानात्मक क्षमता घटती है जैसे सोचना, याद रखना, कारण देना आदि, जो दिन-प्रतिदिन के कार्यों से जुड़ा है. यह मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में विघटन है, जो कई बीमारियों के कारण हो सकता है, इसमें तंत्रिका कोशिकाएं खराब होने लगती हैं. यह बीमारी अधिक उम्र के बुजुर्गों को होती है पर जरूरी नहीं कि उम्र बढ़ने के साथ यह हो ही. इस बीमारी से पीड़ित लोगों को खास देखभाल की जरूरत होती है.
क्या दवाओं के कारण डिमेंशिया हो सकता है?
मस्तिष्क में न्यूरॉन्स यानी नर्व सेल्स में बदलाव के कारण यह बीमारी होती है और इससे व्यक्ति ठीक से काम नहीं कर पाता है. कुछ दवाएं ऐसी हैं जिनके कारण डिमेंशिया जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं. इन दवाओं का लगातार सेवन किया जाए तो मरीज को डिमेंशिया होने का खतरा रहता है. डॉक्टर जैन हसन के अनुसार, ये वो 5 कॉमन दवाएं हैं जो डिमेंशिया के खतरे को बढ़ा सकती हैं:
Benadryl: Benadryl जिसे diphenhydramine भी कहा जाता है, यह डिमेंशिया के खतरे को बढ़ाती है, खास तौर पर तब जब इसका लंबे समय तक उपयोग किया जाए. यह एक एंटीकोलीनेरजिक दवा है, जो एसिटिलकोलाइन को ब्लॉक कर देती है, यानी उस केमिकल को ब्लॉक करने का काम करती है जो केमिकल नर्वस सिस्टम में संदेश पहुंचाने का काम करता है, साथ ही याददाश्त व नई चीजें सीखने में मददगार होता है. कई शोधों में यह बात सामने आई है कि एंटीकोलीनेरजिक दवाओं जैसे बेनेड्रिल आदि का लंबे समय तक सेवन डिमेंशिया का खतरा बढ़ाता है, हालांकि इन शोधों में यह नहीं कहा गया है कि इनके सेवन से निश्चित तौर पर डिमेंशिया हो ही जाता है.
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Opiates: अत्यधिक दर्द में पेनकिलर की तरह प्रयोग की जाने वाली यह दवाई भी डिमेंशिया व कमजोर मानसिक स्वास्थ्य के खतरे को बढ़ाने वाली मानी जाती है. एक शोध में पाया गया था कि इस दवा को जब ऐसे लोगों ने लिया जिन्हें कैंसर नहीं था, तो ऐसे लोगों में अल्जाइमर बीमारी होने का खतरा कई गुना बढ़ गया.
Omeprazole: इस दवा का लंबे समय तक प्रयोग करने से यह डिमेंशिया के खतरे को बढ़ाती है. 2023 में किए गए एक शोध में पाया गया था कि जो लोग इस दवा को साढ़े चार से ज्यादा समय तक प्रयोग कर रहे थे वे डिमेंशिया होने के खतरे में काफी अधिक थे. JAMA Neurology की ओर से किए गए एक अन्य अध्ययन में यह सामने आया था कि 77 साल से ज्यादा के जो लोग इसका प्रयोग कर रहे थे उनमें डिमेंशिया होने का खतरा 44 प्रतिशत अधिक था.
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Benzodiazepines: यह दवा याददाश्त पर असर डालती है. इसके कारण लॉन्ग टर्म मेमोरी पर असर पड़ता है, जिससे डिमेंशिया होने का खतरा काफी बढ़ जाता है.
Tricyclic antidepressants: कुछ शोधों में यह सामने आया है कि इस दवा का सेवन करने से डिमेंशिया होने का खतरा काफी बढ़ जाता है. लंबे समय तक इसका प्रयोग करने से मेमोरी पर असर होता है, याददाश्त घटने लगती है.