बेल्लारी के सरकारी अस्पताल में सिजेरियन ऑपरेशन के बाद एक महीने में छह महिलाओं की मौत के मामले सामने आए हैं. सरकार का कहना है कि ऑपरेशन के बाद मरीज़ों को दिया जाने वाला Compound Sodium Lactate Injection I.P. (Ringer’s Lactate) गड़बड़ था. यह एक IV फ्लुइड है. चौथी मौत के बाद ड्रग्स कंट्रोलर को सस्पेंड कर दिया गया और दवा सप्लाई करने वाली पश्चिम बंगाल की कंपनी पर प्रतिबंध लगा दिया गया. लेकिन सवाल उठता है कि पांचवीं और छठी मौत क्यों हुई?
बेल्लारी के सरकारी अस्पताल में बीते एक महीने में 6 गर्भवती महिलाओं की मौत सिजेरियन ऑपरेशन के बाद हुई है. गरीब परिवार मजबूरी में इस अस्पताल का रुख करते हैं. 25 वर्षीय सुमैया की भी सिजेरियन ऑपरेशन के बाद मौत हो गई. उनके परिवार का आरोप है कि प्रतिबंधित ग्लूकोस सॉल्यूशन उनकी मौत की वजह बना.
मृतिका सुमैया के पति अब्दुल रहमान बताते हैं कि “रात में ऑपरेशन हुआ. मां और बच्चा दोनों ठीक थे. लेकिन अगले दिन अचानक मां की तबीयत बिगड़ गई. आखिर ऐसा क्या हुआ जिसने उसकी जान ले ली?”
बीजेपी नेता इस मामले में सरकार की लापरवाही पर सवाल उठा रहे हैं. वरिष्ठ बीजेपी नेता श्रीरामलू ने बेल्लारी में धरना प्रदर्शन किया.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजेंद्र ने कहा, “गर्भवती महिलाओं की मौतें हो रही है और राज्य सरकार गैर जिम्मेदाराना व्यवहार कर रही है. स्वास्थ्य मंत्री, शिक्षा मंत्री या जिला इंचार्ज मंत्री जमीर अहमद खान ने इन परिवारों की सुध नहीं ली . कोई भी पीड़ित परिवार से मिलने नहीं गया. भाजपा न्यायिक जांच की मांग करती है.”
कर्नाटक सरकार के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव का कहना है “बेल्लारी अस्पताल में इस साल अप्रैल से नवंबर तक 2600 सिजेरियन ऑपरेशन हुए. कोई शिकायत नहीं थी. अचानक से यह हुआ. जांच में पता चला कि Ringer’s Lactate के एक बैच में खामी पाई गई है.”
इस मामले में सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठना लाजमी है. अधिकारियों और दवा सप्लाई कंपनी पर कार्रवाई के बावजूद, सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती. इन मौतों से कई परिवार बिखर गए है.