कल्कि अवतार के बारे में हर कोई सुनता आ रहा है. स्कंद पुराण के 10वें अध्याय में वर्णन मिलता है कि कलयुग में भगवान विष्णु के अवतार श्री कल्कि का जन्म संभल गांव में होगा. उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को संभल और बहराइच की सांप्रदायिक हिंसा पर विपक्ष को जवाब देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाबरनामा भी कहता है कि संभल में हरिहर मंदिर को तोड़कर ढांचा खड़ा किया गया और पुराण कहता है कि श्री हरि विष्णु का दसवां अवतार संभल में होगा. इसी साल पीएम मोदी ने विवादित स्थल से लगभग 20 किलोमीटर दूर कल्कि धाम मंदिर की आधारशिला रखी थी. कल्कि धाम मंदिर का निर्माण श्री कल्कि धाम निर्माण ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है. इसके अध्यक्ष आचार्य प्रमोद कृष्णम हैं. कृष्णम को फरवरी में उनकी पार्टी विरोधी टिप्पणी के लिए कांग्रेस पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. पीएम मोदी ने यहां कहा था, “जब भगवान राम ने शासन किया, तो इसका प्रभाव हजारों वर्षों तक महसूस किया गया. भगवान राम की तरह,भगवान कल्कि भी एक हजार साल तक प्रभाव डालेंगे.”
विवाद क्या है?
संभल का शाही जामा मस्जिद.
विवाद संभल की शाही जामा मस्जिद को लेकर हो रहा है. हिंदू पक्ष का दावा है कि एक मंदिर को तोड़कर इस मस्जिद को बनाया गया था. संभल की जिला अदालत में एक याचिका दायर की गई. याचिकाकर्ताओं की दलील है कि मुगल शासक बाबर ने 1526 में एक हिंदू मंदिर को तोड़कर शाही जमा मस्जिद का निर्माण करवाया था. याचिका दायर किए जाने के कुछ घंटे बाद ही अदालत ने सर्वे के लिए अधिवक्ता आयुक्त नियुक्त करने का आदेश दिया. इस मामले में मस्जिद पक्ष की दलील है कि मस्जिद का सर्वे कराकर 29 नवंबर तक रिपोर्ट मांगने के लिए दिया गया आदेश एक पक्षीय है. उसका दावा है कि अदालत ने उसे बिना सुने ही यह आदेश दिया है. संभल की यह जामा मस्जिद संरक्षित स्मारक है. इसे प्राचीन स्मारक संरक्षण अधिनियम 1904 के तहत 22 दिसंबर 1920 को अधिसूचित किया गया था. सरकार इसे राष्ट्रीय महत्व का स्मारक भी घोषित कर चुकी है. इसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की केंद्र की ओर से संरक्षित स्मारकों की सूची में शामिल किया गया है. सर्वे को लेकर मामला इतना बढ़ा कि दंगा तक हो गया.
हिंदू पक्ष की दलील
एनेट बेवरिज किताब का कवरपेज.
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने दावा किया कि श्री हरिहर मंदिर को मुगल सम्राट बाबर ने 1526 में ध्वस्त कर दिया था. हिंदू पक्ष ने दावा किया कि जामा मस्जिद कमेटी कल्कि मंदिर का जबरन और गैरकानूनी तरीके से इस्तेमाल कर रही है.हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने बाबर की आत्मकथा बाबरनामा का हवाला देते हुए दावा किया है कि, “933 हिजरी में बाबर ने संभल में एक हिंदू मंदिर को मस्जिद में बदल दिया गया था. यह बाबर के आदेश पर किया गया था और मस्जिद पर अभी भी मौजूद एक शिलालेख इसका प्रमाण हैं.” उन्होंने दावा किया कि मंदिर कल्कि को समर्पित था, और इसे श्री हरि हर मंदिर कहा जाता था और इसका भगवान विष्णु और भगवान शिव से संबंध था. हरिशंकर जैन ने अपनी याचिका में बाबरनामा का जिक्र करते हुए बताया कि इसे बाबर ने खुद लिखा था और ब्रिटिश ओरिएंटलिस्ट एनेट बेवरिज ने इसका अनुवाद किया था. इसके अनुसार बाबरनामा के पेज 687 पर लिखा है कि बाबर के आदेश पर उसके दरबारी मीर हिंदू बेग ने संभल के हिंदू मंदिर को जामा मस्जिद में बदल दिया. ये विवरण शिलालेख से मेल खाता है, जिसमें मीर हिंदू बेग का नाम और 933 हिजरी वर्ष में मस्जिद के निर्माण का उल्लेख है.
क्या कहते हैं इतिहासकार
जामा मस्जिद के बाहर मेटल डिटेक्टर लगाते पुलिसकर्मी.
मीनाक्षी जैन और श्री राम शर्मा जैसे इतिहासकारों ने बाबर के शासनकाल (1526-1530) के दौरान संभल में एक प्राचीन मंदिर के विनाश का दस्तावेजीकरण किया है. इतिहासकार मीनाक्षी जैन के अनुसार, भारत में मुगल साम्राज्य के संस्थापक बाबर ने संभल में एक मंदिर को नष्ट करने का आदेश दिया था. ऐसा ही आदेश उसने अयोध्या के लिए भी दिया था. इतिहासकार मीनाक्षी जैन ने 2023 में एक YouTube चैनल पर दिए एक साक्षात्कार में कहा, ”दूसरी मस्जिद जो बाबर ने भारत में बनवाई थी, वह संभल में थी. बाबर ने अपने सेनापति को उस मंदिर को नष्ट करने का आदेश दिया था और उसके आदेश पर एक मस्जिद का निर्माण किया गया था” जैन ने अपनी किताब ‘द बैटल फॉर राम- केस ऑफ द टेंपल एट अयोध्या’ में लिखा है, ‘मस्जिद पर लगे शिलालेख में साफ लिखा है कि इसे बाबर के आदेश पर बनाया गया था और मंदिर के निर्माण में मंदिर के टुकड़ों का इस्तेमाल किया गया था.’ उन्होंने कहा, ‘कहा जाता है कि बाबर के अधिकारियों में से एक हिंदू बेग ने संभल में एक हिंदू मंदिर को मस्जिद में बदल दिया था. इतिहासकार श्री राम शर्मा ने 1940 में प्रकाशित अपनी पुस्तक ‘द रिलिजियस पॉलिसी ऑफ द मुगल सम्राटों’ में लिखा है, “उनके सद्र, शेख ज़ैन ने चंदेरी (मध्य प्रदेश) में कई हिंदू मंदिरों को ध्वस्त कर दिया, जब उन्होंने उस पर कब्जा कर लिया था.’
आजादी के बाद हुए दंगों की लिस्ट
एक और इतिहासकार का दावा
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के प्रो. इतिहासकार एमके पुंडीर ने मीडिया को इस बारे में बताया कि बाबरनामा की मानें तो पानीपत के युद्ध के बाद बाबर संभल आया था. इस किताब में लिखा गया है कि संभल में एक मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी. रिपोर्ट में प्रो. पुंडीर कहते हैं कि हालांकि, यह साफ नहीं है कि वर्तमान मस्जिद ही वह संरचना है या नहीं. प्रोफेसर पुंडीर ने ताया कि साल 1526 में पानीपत का युद्ध हुआ था. इसके बाद साल 1527 के आसपास उसका कमांडर संभल पहुंचा था.बाबरनामा कहती है कि उसने मंदिर को आंशिक रूप से नष्ट किया था. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि उसने पूरी तरह से मंदिर को क्यों नहीं तोड़ा.
1879 की रिपोर्ट में क्या
शाही जामा मस्जिद विवाद पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारी रहे ब्रिटिश पुरातत्वविद् एसीएल कार्लाइल की 1879 में तैयार रिपोर्ट में इस मस्जिद के अंदर और बाहर के खंभों को पुराने हिंदू मंदिरों का बताया गया है. इन खंभों की पहचान छिपाने के लिए ऊपर से प्लास्टर कर दिया गया था. रिपोर्ट में उनका दावा था कि मस्जिद का अधिकांश हिस्सा मलबे की चिनाई का उपयोग करके बनाया गया था. कार्लाइल की ये रिपोर्ट ‘रिपोर्ट ऑफ टूर्स इन द सेंट्रल दोआब एंड गोरखपुर इन 1874-75 एंड 1875-76’ के नाम से है.
मुरादाबाद गजेटियर में आइन-ए-अकबरी
मुरादाबाद गजेटियर.
बाबरनामा के अलावा मुरादाबाद के मंडलीय गजेटियर में भी अबुल फजल की किताब आइन-ए-अकबरी के हवाले से बताया गया है कि संभल में भगवान विष्णु के प्रसिद्ध मंदिर का उल्लेख मिलता है. इसमें कहा गया कि आइन-ए-अकबरी में मिलता है कि पुराने संभल शहर में स्थित एक विशाल टीले पर भगवान विष्णु के प्रसिद्ध मंदिर के प्रमाण हैं. यहीं पर पहले हरि हर मंदिर था. साल 1911 के मुरादाबाद गजेटियर में एचआर नेविल ने लिखा है कि अब मंदिर का अस्तित्व नहीं है. इसकी जगह एक मस्जिद ने ले ली है. हालांकि, अब मामला कोर्ट में है और फैसला अब कोर्ट करेगी.
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