कांग्रेस की ‘घर घर गारंटी’ स्कीम पर निष्क्रियता को लेकर चुनाव आयोग के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. इस जनहित याचिका को लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस द्वारा महिला वोटर्स के लिए घोषित की गई ‘घर घर गारंटी’ स्कीम के खिलाफ दर्ज किया गया था. हाईकोर्ट ने कहा याचिकाकर्ता ने याचिका में अपने बारे में कोई जानकारी नहीं दी है. हाई कोर्ट ने कहा कि इसमें साफ नहीं है कि इस याचिका को क्यां, किस आधार पर दर्ज किया गया है और याचिकाकर्ता क्या कहना चाहता है.
याचिकाकर्ता की गुजारिश पर याचिका को दोबारा दाखिल करने का एक और मौका दिया गया. लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की खटाखट स्कीम के तहत वोट के बदले 8500 रुपए वाले वादे को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस जनहित याचिका को दायर कराया गया था. याचिका के जरिए कांग्रेस के 99 सांसदो को अयोग्य घोषित करने, पार्टी का पंजीकरण निलंबित और चुनाव चिन्ह जब्त करने के लिए कहा गया था.
जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता और जस्टिस मनीष कुमार निगम की डबल बेंच ने सुनवाई के बाद पीआईएल को खारिज कर दिया. फतेहपुर की रहने वाली भारती देवी नाम की एक सामाजिक कार्यकर्ता ने लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस की घोषणा पर चुनाव आयोग के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में यह जाचिका दर्ज की थी.