भारत के कई हिस्सों में कड़ाके की ठंड की शुरुआत हो गयी है. अगले कम से कम 2 महीने तक लोगों को ठंड का सामना करना पड़ेगा. भारत में ठंड का मौसम मुख्य रूप से भौगोलिक और जलवायु परिवर्तनों के कारण आता है. सर्दियों में, भूमध्यसागर क्षेत्र से आने वाले पश्चिमी विक्षोभ (Western disturbance) उत्तर भारत में ठंड को बढ़ाते हैं. ये हवाएं हिमालय के क्षेत्रों में बर्फबारी और मैदानों में ठंडे मौसम का कारण बनती हैं.जब ये पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में पहुंचते हैं, तो बारिश और तापमान में गिरावट होती है. हिमालय से आने वाली ठंडी हवाएं उत्तर भारत में सर्दी को और तीव्र बना देती हैं.
वेस्टर्न डिस्टर्बन्स क्या है?
“वेस्टर्न” का मतलब है कि यह पश्चिम से आता है. डिस्टर्बन्स का मतलब है वायुमंडलीय दबाव में अस्थिरता या विक्षोभ. यह एक कम दबाव वाला क्षेत्र (Low-Pressure System) है, जो मौसम में अस्थिरता लाता है. यह मुख्य रूप से सर्दियों के मौसम (अक्टूबर से मार्च) में उत्तर भारत में वर्षा और हिमपात लाने के लिए जाना जाता है. इसे “पश्चिमी विक्षोभ” भी कहते हैं.वेस्टर्न डिस्टर्बन्स के कारण जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बर्फबारी और बारिश होती है. यह पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में सर्दियों की बारिश का मुख्य कारण बनता है. वेस्टर्न डिस्टर्बन्स ठंडी हवाएं और नमी लाता है, जिससे तापमान गिरता है और ठंड बढ़ जाती है.
वेस्टर्न डिस्टर्बन्स कैसे उत्पन्न होता है?
वेस्टर्न डिस्टर्बन्स के अलावा ये भी जिम्मेदार है?
भारत में ठंड के मौसम के लिए केवल वेस्टर्न डिस्टर्बन्स (Western Disturbances) ही नहीं, बल्कि कई अन्य भौगोलिक और वायुमंडलीय कारण भी जिम्मेदार होते हैं.
कई तरह के कारकों का संयुक्त प्रभाव है मौसम में परिवर्तन
मौसम में परिवर्तन कई कारकों का संयुक्त प्रभाव है, जिसमें सूर्य, वायुमंडलीय दबाव, जलवायु चक्र, महासागर की धाराएं, और पृथ्वी का झुकाव मुख्य भूमिका निभाते हैं. सके अलावा, स्थानीय भूगोल और मानवीय गतिविधियां भी इसे प्रभावित करती हैं.
देश के कई हिस्सों में ठंड का कहर
राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली जैसे उत्तरी राज्य बुधवार को शीतलहर की चपेट में रहे. जम्मू कश्मीर में जहां तापमान शून्य से नीचे दर्ज किया गया, वहीं पूर्वी राज्य ओडिशा के कुछ हिस्सों में पारा 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया. कश्मीर में भीषण शीतलहर जारी रही और न्यूनतम तापमान शून्य से कई डिग्री नीचे रहा. घाटी का सबसे ठंडा स्थान पंपोर नगर के बाहरी इलाके में स्थित कोनीबल रहा, जहां न्यूनतम तापमान शून्य से 6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया.
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