केरल सरकार ने फिल्म उद्योग में महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई और इसके बाद सात सदस्यीय टीम का गठन किया.
मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि विशेष टीम का नेतृत्व आईजी स्पर्जन कुमार करेंगे और इसमें राज्य की चार वरिष्ठ महिला आईपीएस अधिकारी शामिल होंगी. पिछले कुछ हफ्तों से मलयालम फिल्म उद्योग पर महिला पेशेवरों के उत्पीड़न और यौन शोषण के आरोप लग रहे हैं.
लंबे समय से ठंडे बस्ते में पड़ा रहा यह मुद्दा हेमा समिति द्वारा XX-ईयर की जांच के बाद अपनी रिपोर्ट पेश करने के बाद सुर्खियों में आया. केरल सरकार ने यह कमीशन 2017 में सेवानिवृत्त जस्टिस के हेमा की अध्यक्षता में बनाया था. इसकी 290 पन्नों की रिपोर्ट में फिल्म उद्योग के भीतर उत्पीड़न, दुर्व्यवहार और “आपराधिक सांठगांठ” का खुलासा किया गया था.
रिपोर्ट की सामग्री सार्वजनिक होने के कुछ समय बाद ही निर्देशक रंजीत बालकृष्णन और अभिनेता सिद्दीकी ने दुर्व्यवहार के आरोपों के बीच केरल चलचित्र अकादमी और मलयालम मूवी आर्टिस्ट एसोसिएशन (एएमएमए) में अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था.
एक प्रमुख फिल्म निर्माता और केरल चलचित्र अकादमी के अध्यक्ष रंजीत ने बंगाल की एक अभिनेत्री द्वारा उन पर अनुचित व्यवहार का आरोप लगाए जाने के बाद इस्तीफा दे दिया था. रंजीत ने आरोपों से इनकार करते हुए दावा किया है कि वे “असली पीड़ित” हैं.
हेमा समिति की रिपोर्ट में मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के उत्पीड़न और शोषण के कई मामले सामने आए हैं. इन मामलों में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.