पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के साथ हुए रेप की घटना के खिलाफ देश भर में प्रदर्शन जारी है. चिर प्रतिद्वंद्वी फुटबॉल क्लब ईस्ट बंगाल (East Bengal) और मोहन बागान (Mohun Bagan) के समर्थक इस घटना के खिलाफ रविवार को एक मंच पर दिखे और उन्होंने जमकर प्रदर्शन किया. उनके प्रदर्शन में कई पूर्व खिलाड़ियों और अभिनेत्रियों ने भी हिस्सा लिया. पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री से स्वास्थ्यकर्मियों के लिए विशेष कानून बनाने की मांग की है. एम्स नई दिल्ली के डॉक्टरों ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर तुरंत कानून लागू करने की मांग की है. इधर सीबीआई ने इस घटना की जांच तेज कर दी है. CBI ने आरोपी का साइकोलॉजिकल टेस्ट शुरू कर दिया है.
एक साथ प्रदर्शन करते दिखे ईस्ट बंगाल और मोहन बागान के समर्थक
फुटबॉल क्लब ईस्ट बंगाल (East Bengal) और मोहन बागान (Mohun Bagan) के समर्थक रविवार शाम कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम के पास एकत्र हुए और आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला चिकित्सक के साथ बलात्कार व उसकी हत्या की घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. बारिश की परवाह नहीं करते हुए, सौ से अधिक समर्थक शुरुआत में स्टेडियम के बाहर एकत्र हुए, जबकि देश के दो प्रमुख फुटबॉल क्लब के बीच डूरंड कप मैच कानून व्यवस्था की स्थिति से जुड़ी चिंताओं का हवाला देते हुए रद्द कर दिया गया था.
दोनों क्लब के समर्थक एक-दूसरे के झंडे थामे हुए थे. उन्होंने पीड़ित परिवार के लिए न्याय की मांग करते हुए नारे लगाए. काफी संख्या में पुलिसकर्मी स्थिति पर नजर रखे हुए थे. बाद में, एक और प्रमुख फुटबॉल क्लब मोहम्मडन एससी के समर्थक भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए.
यहां तक कि भारत के लिए खेलने वाले मोहन बागान के कप्तान सुभाशीष बोस भी अपनी पत्नी के साथ फुटबॉल प्रशंसकों के प्रदर्शन में शामिल हुए. उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित रूप से हम महिला डॉक्टर पर बर्बर हमले और उसके साथ बलात्कार में शामिल सभी लोगों के लिए सजा की मांग करते हैं. उस पर अकल्पनीय हमला किया गया और उसे क्रूरता से मार दिया गया. मुझे उम्मीद है कि किसी और महिला को इस तरह के अत्याचार से नहीं गुजरना पड़ेगा.”
ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (एआईएफएफ) के अध्यक्ष कल्याण चौबे भी प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे और तीनों क्लब के आक्रोशित प्रशंसकों से मुलाकात की. चौबे भाजपा के नेता भी हैं. उन्होंने ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा, ‘‘यह बहुत शर्मनाक है. पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है. फुटबॉल मैच नहीं हो सका… और पुलिस की तैनाती देखिए, ऐसा लग रहा है कि यहां दंगा हो रहा है.”
प्रदर्शनकारियों में अभिनेत्री उषासी चक्रवर्ती और रुद्रनील घोष तथा रंगमंच कलाकार सौरव पालोधी भी शामिल थे. विरोध प्रदर्शन ईएम बाईपास तक फैलने पर यातायात अवरुद्ध हो गया, जिसके बाद पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया. हालांकि, पुलिस शुरू में भीड़ को हटाने में कुछ हद तक सफल रही, लेकिन कुछ समय बाद प्रदर्शनकारी कम संख्या में फिर से इकट्ठा हो गए और नारे लगाने लगे.
पालोधी ने कहा, ‘‘हम केवल इस घटना पर अपना गुस्सा जाहिर करना चाहते थे. जब महिलाओं की सुरक्षा दांव पर हो तो सबकुछ सुचारू रूप से नहीं चल सकता.” सूरज ढलने और अंधेरा छाने पर तीनों क्लब के और भी समर्थक बारिश के बीच विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए उमड़ पड़े.
मोहन बागान के समर्थक बिट्टू सेनापति ने कहा, ‘‘हम उस बहन के लिए न्याय चाहते हैं, जिसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और हत्या कर दी गई. हम मोहन बागान, ईस्ट बंगाल और मोहम्मडन एससी के प्रशंसक यहां शांतिपूर्ण तरीके से एकत्र हुए हैं. इतने सारे पुलिसकर्मी क्यों तैनात किए गए हैं? मैच क्यों रद्द करना पड़ा? क्या हमें मृतका के लिए न्याय मांगने का हक नहीं है.”
पुलिस ने बताया कि शांति व्यवस्था में किसी भी तरह के विघ्न को रोकने के लिए शाम 4 बजे से आधी रात तक भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है. इसने कहा कि निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने पर यहां एकत्र हुए कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह खुफिया जानकारी मिली थी कि मैच के दौरान हिंसा भड़काने की कोशिश की जाएगी, जिसके कारण मैच रद्द कर दिया गया. उन्होंने कहा, ‘‘हमें विशेष जानकारी मिली थी कि कुछ समूह और संगठन स्टेडियम में अशांति फैलाने की कोशिश करेंगे.”
फुटबॉल प्रेमियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रद्द किया मुकाबला: प्रशासन
बिधाननगर पुलिस उपायुक्त अनीश सरकार ने कहा कि मैच देखने के लिए 63,000 दर्शकों के आने की उम्मीद थी. उन्होंने कहा, ‘‘फुटबॉल प्रेमियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हमने आज का मैच रद्द करने का निर्णय लिया.” आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ड्यूटी के दौरान स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. 15 अगस्त की सुबह, जब इस जघन्य घटना के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा था, तब भीड़ ने अस्पताल के कई हिस्सों में तोड़फोड़ की थी.
पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टरों ने पीएम मोदी से विशेष कानून बनाने की मांग की
कोलकाता में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और उसकी हत्या की घटना पर दुख व्यक्त करते हुए 70 से अधिक पद्म पुरस्कार विजेता चिकित्सकों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा से निपटने के लिए एक विशेष कानून शीघ्र लागू किए जाने की मांग की है. उन्होंने अस्पतालों में बेहतर सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने की भी मांग की.
अशोक वैद, हर्ष महाजन, अनूप मिश्रा, ए.के. ग्रोवर, अलका कृपलानी और मोहसिन वली जैसे प्रसिद्ध डॉक्टरों ने इस ‘‘खतरनाक” स्थिति से निपटने के लिए प्रधानमंत्री मोदी से ‘‘तत्काल और व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप” करने की मांग की और सुझाव दिया कि केंद्र तुरंत एक अध्यादेश लाए ताकि स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा में शामिल लोगों के लिए ‘‘कठोरतम सजा” सुनिश्चित की जा सके.
एम्स दिल्ली के जूनियर डॉक्टरों ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन, एम्स, नई दिल्ली की ओर से प्रधान मंत्री से अपील जारी की गयी है. डॉक्टरों ने पीएम से तत्काल स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए एक केंद्रीय अध्यादेश जारी करने की मांग की है. साथ ही आरजी कर मेडिकल कॉलेज में तात्काल कानून व्यवस्था स्थापित की जाए.
ये भी पढ़ें-: