लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को दावा किया कि संसद में उनके ‘चक्रव्यूह’ भाषण के बाद प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनके खिलाफ छापेमारी की योजना बनाई जा रही है. राहुल ने कहा कि वह खुली बांहों के साथ ईडी अधिकारियों का इंतजार कर रहे हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में राहुल गांधी ने लिखा “जाहिर है, 2 में से 1 को मेरा चक्रव्यूह वाला भाषण अच्छा नहीं लगा. ईडी के अंदरूनी सूत्रों ने मुझे बताया है कि छापेमारी की तैयारी हो रही है. मैं ईडी का खुली बांहों से इंतजार कर रहा हूं. चाय और बिस्कुट मेरी तरफ से.” इतना ही नहीं राहुल ने अपनी इस पोस्ट में प्रवर्तन निदेशालय के आधिकारिक एक्स हैंडल को टैग भी किया है.
क्या था ‘चक्रव्यूह’ भाषण
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को केंद्र सरकार पर हिंदुस्तान को अभिमन्यु की तरह चक्रव्यूह में फंसाने का आरोप लगाया था और कहा था कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) इस चक्रव्यूह को तोड़ेगा. उन्होंने लोकसभा में केंद्रीय बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए यह दावा भी किया था कि इस बजट में चंद पूंजीपतियों के एकाधिकार और लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट करने वाले राजनीतिक एकाधिकार को मबजूती प्रदान की गई है, जबकि युवाओं, किसानों तथा मध्य वर्ग को नजरअंदाज कर दिया गया है.
राहुल गांधी ने दावा किया, ‘‘21वीं सदी में एक और चक्रव्यूह तैयार किया गया है… जो अभिमन्यु के साथ हुआ, वही हिंदुस्तान के साथ किया जा रहा है.” उन्होंने दावा किया कि जिस तरह से अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसाया गया था उसी तरह हिंदुस्तान को फंसा दिया गया है. कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन इस चक्रव्यूह को तोड़ेगा.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने यह भी कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन सत्ता में आने पर जाति आधारित जनगणना कराएगा और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी भी देगा. नेता प्रतिपक्ष ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा था, ‘‘हजारों साल पहले कुरुक्षेत्र में अभिमन्यु को चक्रव्यूह में छह लोगों ने फंसा कर मारा था…चक्रव्यूह का दूसरा नाम है- ‘पद्मव्यूह’, जो कमल के फूल के आकार का होता है. इसके अंदर डर और हिंसा होती है.” उन्होंने दावा किया था, ‘‘अभिमन्यु को चक्रव्यूह में छह लोगों ने मारा था उनके नाम द्रोणाचार्य, कर्ण, अश्वत्थामा, कृपाचार्य, कृतवर्मा और शकुनी हैं. आज भी चक्रव्यूह रचने वाले छह लोग हैं.”