दिल्ली की एक अदालत 17 अगस्त को यह फैसला कर सकती है कि भूमि के बदले नौकरी से संबंधित कथित घोटाले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद, उनके बेटे तेजस्वी यादव और आठ अन्य के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर पूरक आरोपपत्र पर संज्ञान लिया जाए या नहीं.
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने यह देखते हुए मामले को अगली तारीख के लिए स्थगित कर दिया कि दस्तावेज बहुत अधिक हैं.ईडी द्वारा छह अगस्त को पूरक आरोप-पत्र दाखिल किया गया था. ईडी का मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी पर आधारित है.
ईडी के अनुसार, यह मामला 2004 से 2009 तक प्रसाद के रेल मंत्री रहने के दौरान मध्य प्रदेश के जबलपुर में रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में ‘ग्रुप-डी’ कर्मचारियों की नियुक्तियों से संबंधित है. इसके तहत जिन लोगों की नियुक्ति हुई उन्होंने राजद सुप्रीमो के परिवार या सहयोगियों के नाम पर भूखंड उपहार में दिये या हस्तांतरित किये थे.