जम्मू-कश्मीर का ‘हाउस वोट’ और ‘हरियाणा का अखाड़ा’… NDTV दिखाएगा चुनाव का हर एंगल

जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पारा अपने चरम पर है. सभी पार्टियों के नेता चुनाव प्रचार को लेकर पूरा जोर लगा रहे हैं. ऐसे में चुनाव की हर एक खबर आप तक पहुंचाने के लिए एनडीटीवी भी विशेष शो लेकर आया है, ताकि चुनाव से पहले नागरिकों को इससे जुड़ने और उम्मीदवार चयन को लेकर जागरुकता को बढ़ावा देने में मदद मिले. जम्मू-कश्मीर को लेकर हमारा खास शो ‘हाउस वोट’ और हरियाणा को लेकर ‘हरियाणा का अखाड़ा’ मतदाताओं को चुनावी माहौल में अपने वोट के अधिकार को लेकर बेहतर समझ मुहैया करेगा.

उम्मीद है कि एनडीटीवी का ये खास शो नागरिक के अधिकारों को बढ़ावा देगा और मतदाताओं को सशक्त बनाने तथा लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और मजबूत करने में मदद करेगा.

अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहला चुनाव

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. यहां चुनाव के बीच अनुच्छेद 370 और आतंकवाद को लेकर प्रमुख रूप से चर्चा हो रही है. एक तरफ जहां बीजेपी का दावा है कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने से घाटी में चौतरफा विकास की बयार बह रही है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस का दावा है कि अपने इस कदम से केंद्र की मोदी सरकार ने घाटी के लोगों के हितों पर प्रहार किया है.

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की 90 सीटें हैं. इनमें से 47 घाटी में और 43 जम्मू क्षेत्र में हैं. इनमें से नौ सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) और सात अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित हैं.

जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में मतदान होना है, जिसमें पहले चरण में घाटी के सात जिलों कुलगाम, रामबन, किश्तवाड़, पुलवामा, अनंतनाग, शोपियां और डोडा की 24 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा.

चुनाव का पहला चरण 18 सितंबर को, दूसरा 25 सितंबर को और अंतिम चरण 1 अक्टूबर को है. वहीं रिजल्ट 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.

तीनों चरणों के लिए नामांकन और नामांकन पत्रों की जांच की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है.

चुनाव आयोग के मुताबिक, केंद्रशासित प्रदेश में 90 निर्वाचन क्षेत्रों में 87.09 लाख मतदाता हैं. इनमें 42.6 लाख महिलाएं हैं. यहां पहली बार वोट देने वाले युवा मतदाताओं की संख्या 3.71 लाख है, जबकि कुल 20.7 लाख युवा मतदाता ऐसे हैं, जिनकी उम्र 20 से 29 साल के बीच है.

 इसके अलावा दूसरे चरण के लिए 25 सितंबर और तीसरे चरण के लिए एक अक्टूबर को मतदान होना है। सभी के नतीजे आठ अक्टूबर को आएंगे।

हरियाणा में पांच अक्टूबर को मतदान
वहीं हरियाणा में भी सभी पार्टियां जोर-शोर से चुनाव प्रचार में जुटी हुई हैं. नेता मतदाताओं से बड़े-बड़े वादे कर उन्हें अपने पक्ष में मतदान करने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं.

हरियाणा में 10 साल से बीजेपी की सरकार

2014 में बीजेपी पहली बार अपने बल पर हरियाणा में सत्ता में आई थी. तब से लगातार दो कार्यकाल में उसे लोगों की सेवा करने का मौका मिला है. मनोहर लाल खट्टर 2104 में मुख्यमंत्री बने थे, जो 2024 में मार्च तक इस पद पर रहे. इसके बाद बीजेपी ने नायब सिंह सैनी को खट्टर की जगह मुख्यमंत्री बना दिया.

सत्तारूढ़ भाजपा जीत की ‘हैट्रिक’ बनाने की कोशिश में जुटी है, लेकिन उसे कांग्रेस पार्टी से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जो सत्ता विरोधी लहर का फायदा उठाने का प्रयास कर रही है.

90 विधानसभा सीटों वाले हरियाणा में एक चरण में ही पांच अक्टूबर को मतदान होना है. वहीं जम्मू-कश्मीर के साथ ही नतीजे आठ अक्टूबर को सामने आएंगे.

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