जम्मू-कश्मीर विधानसभा में भारी हंगामे के बीच अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ प्रस्ताव पास (Jammu Kashmir Assembly Rresolution on Rrestoration Of Article 370) हो गया है. विधानसभा का सत्र मंगलवार को शुरू हुआ था. आज सत्र का दूसरा दिन है और आज ही अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ प्रस्ताव पास हो गया.अनुच्छेद 370 की बहाली के प्रस्ताव पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ. डिप्टी सीएम सुरिंदर कुमार चौधरी ने इसके समाधान की मांग की थी, एलओपी सुनील शर्मा ने इस पर आपत्ति जताई.
सदन में भारी हंगामे के बीच जम्मू-कश्मीर विधानसभा में प्रस्ताव पारित हो गया. इस दौरान बीजेपी ने सदन में जोरदार हंगामा किया. जिसके बाद सदन 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया. लेकिन बीजेपी सदस्यों का वेल में धरना जारी रहा. 5 अगस्त 2019 को संविधान में संशोधन कर जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35A को हटा दिया गया था.
#WATCH | Srinagar: Ruckus breaks out at J&K assembly over a resolution on the restoration of Article 370.
Deputy CM Surinder Kumar Choudhary had demanded the resolution, LoP Sunil Sharma had objected to it. pic.twitter.com/2W5q12old0
— ANI (@ANI) November 6, 2024
अनुच्छेद 370 क्या था?
जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370 भारतीय संविधान का एक प्रावधान था. इसके तहत जम्मू-कश्मीर का अलग संविधान था. इसके तहत आर्टिकल 1 के अलावा कोई और आर्टिकल जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होता था.विशेष राज्य के दर्जे की वजह से संविधान का अनुच्छेद 356 जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होता था.देश के राष्ट्रपति के पास जम्मू-कश्मीर के संविधान को बर्खास्त करने का अधिकार नहीं था.
कैसे लागू हुआ अनुच्छेद 370
देश की सरकार राज्य के फैसले को लेकर बाधित हो जाती थी. आर्टिकल 370 को देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने 5 महीने लंबी बातचीत के बाद संविधान में शामिल किया था. साल 1951 में इसके लिए जम्मू-कश्मीर में संविधान सभा का गठन हुआ था. इसमें 75 सहस्य थे.