दिल्ली के 6.5 लाख परिवारों को आयुष्मान स्कीम से किया वंचित: जेपी नड्डा ने AAP सरकार को घेरा

दिल्ली हाईकोर्ट ने बीजेपी के 7 सांसदों की याचिका पर बृहस्पतिवार को आम आदमी पार्टी सरकार से जवाब मांगा, जिनमें सरकार को राजधानी में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) लागू करने का निर्देश देने की अपील की गई है. अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने भी ‘आप’ को घेरा है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने एक्स पर एक पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, ‘PM मोदी के प्रगतिशील और नागरिक-केंद्रित नेतृत्व के तहत बेहद लोकप्रिय योजना-आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना लागू है, जो मुफ्त स्वास्थ्य कवर प्रदान करती है. प्रत्येक लाभार्थी परिवार को 5 लाख रुपये और अब 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के सभी वरिष्ठ नागरिकों को भी लाभ मिलता है. मुझे बहुत दुख होता है जब दिल्ली जैसे राज्यों ने जानबूझकर इसे न अपनाकर अपनी आबादी को इससे वंचित कर दिया है.’

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने लिखा, ‘AAP सरकार ने दिल्ली में 6.5 लाख से अधिक पात्र परिवारों और 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी नागरिकों को इस महत्वपूर्ण स्वास्थ्य कवर से वंचित कर दिया है. अब माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी इस जन-केंद्रित योजना को लागू नहीं करने के लिए राज्य सरकार को फटकार लगाई है. इसने हमारे रुख की पुष्टि की है कि लोकतांत्रिक सरकारों को ऐसी योजनाएं अपनानी चाहिए जो राजनीतिक मतभेदों के बावजूद जनता को समर्थन और सेवाएं प्रदान करें.’

बता दें कि ‘आयुष्मान भारत योजना’ को दिल्ली में लागू नहीं किया गया है. आम आदमी पार्टी का कहना है कि दिल्ली सरकार लोगों को अस्पतालों में मुफ्त और बेहतर सुविधा दे रही है. यहां के लोगों को ‘आयुष्मान भारत योजना’ की जरूरत नहीं है. हालांकि, बीजेपी का कहना है कि राजनीतिक दुश्मनी की वजह से केजरीवाल द‍िल्‍ली के लोगों को ‘आयुष्मान भारत योजना’ के लाभ से वंचित रख रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 अक्टूबर, 2024 को 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को इस योजना में शामिल करने की घोषणा की. PM मोदी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था, “मैं दिल्ली और पश्चिम बंगाल के 70 वर्ष से अधिक उम्र के हर बुजुर्ग से क्षमा मांगता हूं कि मैं आपकी सेवा नहीं कर पाऊंगा. मुझे पता तो चलेगा कि आपको कष्ट है, लेकिन मैं आपकी सहायता नहीं कर पाऊंगा, ​क्योंकि अपने राजनीतिक स्वार्थ के कारण दिल्ली और पश्चिम बंगाल की सरकार ‘आयुष्मान भारत योजना’ से जुड़ नहीं रही है.

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