राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की हवा प्रदूषण के कारण बेहद खराब होती जा रही है. दिल्ली के अधिकतर जगहों पर सोमवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 से ऊपर दर्ज किया गया. जो कि ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है. हरियाणा और पंजाब में जल रही पराली के कारण दिल्ली का वायु प्रदूषण बढ़ रहा है. वायु प्रदूषण के कारण लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है. कई लोगों को आंखों में जलने और गले में खराश की परेशानी हो रही है.
दिल्ली के आनंद विहार, अशोक विहार, बवाना, द्वारका, जहांगीरपुरी, मुंडका, एनएसआईटी द्वारका, नजफगढ़, नेहरू नगर, पटपड़गंज, पंजाबी बाग, रोहिणी, वजीरपुर और विवेक विहार में एक्यूआई ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया. आनंद विहार में सुबह 6 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 432, बवाना में 406, वजीरपुर 411,विवेक विहार 418, मुंडक 402 और जहांगीरपुरी 412 दर्ज किया गया है.
वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) की जानकारी-
दिल्ली के तीन इलाकों में एक्यूआई का स्तर 200 से 300 के बीच में बना हुआ है. जिसमें, चांदनी चौक में 280, डीटीयू में 294 और श्री अरविंदो मार्ग में 274 एक्यूआई रहा.
दिल्ली से सटे गुरुग्राम के निगरानी स्टेशन विकास सदम में एक्यूआई 318 दर्ज किया. जबकि फरीदाबाद के निगरानी स्टेशन न्यू इंडस्ट्रियल टाउन में 250 दर्ज किया गया है.
मौसम विभाग ने दिल्ली में सोमवार सुबह हल्का कोहरा छाये रहने तथा अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 34 और 17 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना जतायी है.
54,000 चालान, 56 कंस्ट्रक्शन साइट बंद
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (पीयूसी) सर्टिफिकेट नहीं रखने वाले लगभग 54,000 वाहनों का चालान किया गया है. वहीं, करीब 3,900 से अधिक ऐसे वाहनों को जब्त किया गया है, जिनकी समय सीमा पूरी हो चुकी है. इसके अलावा 56 कंस्ट्रक्शन साइटों को बंद करा दिया गया है. सारी कार्रवाई दिल्ली में वायु प्रदूषण कम करने के उद्देश्य से की गई है.
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्रयासों को और तेज किया जा रहा है. दरअसल, पूरे एनसीआर में 15 अक्टूबर से ग्रेप का पहला चरण और 22 अक्टूबर से ग्रेप का दूसरा चरण लागू है. 15 से 31 अक्टूबर तक की अवधि के दौरान, क्षेत्र में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कई निवारक उपाय शुरू किए गए. केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को जब्त करने के अलावा प्रदूषण रोकने के लिए अन्य कई कार्रवाइयां की जा रही हैं. निगरानी के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने एक ग्रेप निगरानी नियंत्रण कक्ष की स्थापना की है. यह निगरानी नियंत्रण कक्ष पूरे सप्ताह चालू रहता है.
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