दीवाली पर पैर छूकर चाचा-भतीजे को मार डाला… सोनू मटका की दरिंदगी देख जब कांप गई थी दिल्ली

31 अक्टूबर की रात आकाश शर्मा अपने परिवार के साथ दीवाली मना रहे थे. परिवार के लोग खुशी-खुशी घर के बाहर पटाखे फोड़ रहे थे. तभी कुछ ऐसा हुआ कि एक पल में दीवाली के दिन मातम छा गया. जब आकाश शर्मा घर के बाहर पटाखे फोड़ रहे थे तभी एक स्कूटी पर दो लोग आए और उनमें से एक स्कूटी से उतरा. पहले आरोपी ने आकाश शर्मा के पैर छुए.आकाश शर्म कुछ समझ पाते उससे पहले ही तमंचा निकाल कर उनपर गोली चला दी गई. आकाश शर्मा का भतीजा ऋषभ जब शूटर को पकड़ने के लिए भागा, तो उसे भी गोली मार दी गई. हमले में दोनों की मौके पर ही मौत हो गई.

इस डबल मर्डर केस में एक नाबालिग पहले पकड़ा गया. वहीं गोली मारने वाला सोनू मटका जो लंबे समय से फरार था उसे आज पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया है.

सोनू मटका ने ही चलाई थी चाचा-भतीजे पर गोली.आकाश का 10 साल का बेटा भी इस गोलीकांड में घायल हुआ है.अपराधियों ने मौके पर पांच राउंड गोलियां चलाईं.सोनू मटका हत्या, लूट ,हत्या की कोशिश के 10 से ज्यादा मुकदमे दर्ज है.2021 में वो तिहाड़ जेल से परोल पर बाहर आया और तब से फरार है.सोनू मटका के कब्जे से पिस्टल और कारतूस बरामद हुए है.सोनू मटका पहले हाशिम बाबा गैंग से जुड़ा था.

शाहदरा में हुई इस वारदात का एक सीसीटीवी भी सामने आया था. जिसमें आकाश और उनका भतीजा ऋषभ नजर आ रहा थे. दोनों ने पीला कुर्ता पहना था. ऋषभ पटाखे में आग लगा रहा था. उस दौरान दो लोग स्कूटी से आए. मौका पाते ही बदमाशों ने गोली चला दी. हादसे के समय वहां मौजूद लोगों के अनुसार आरोपियों ने आकाश शर्मा पर गोली चलाने से पहले उसके पैर छुए थे.

हमले के बाद दोनों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया था. लेकिन बचाया नहीं जा सका. पुलिस केस दर्ज कर सोनू की तलाश में जुट गई थी. 

आखिर क्यों ली आकाश की जान 

पुलिस जांच में सामने आया था कि इस मामले में पकड़े गए नाबालिग आरोपी ने 70 हजार रुपये के लेनदेन के विवाद में यह हत्या की. वह आकाश से पैसे वसूलना चाहता था, लेकिन आकाश उसे पैसे नहीं दे रहा था. आकाश ने आरोपी का फोन उठाना तक बंद कर दिया था. ऐसे में ये साजिश रची गई.

नाबालिग ने सोनू को हत्या के लिए हायर किया और उसने आकाश की हत्या कर दी. ये लोग 17 दिनों से इस वारदात को अंजाम देने में लगे थे और आखिरकार दीवाली के दिन इनको मौका मिल गया. अक्टूबर से ही दिल्ली पुलिस फरार बदमाश सोनू की तलाश कर रही थी. वहीं आज बागपत-मेरठ के पास पुलिस और सोनू के बीच मुठभेड़ हुई. जिसमें वो घायल हो गया. उसे अस्पताल ले जाया गया, इलाज के दौरान सोनू की मौत हो गई. 

कैसे बना अपराधी

सोनू मटका का असल नाम अनिल था और ये उत्तर पूर्वी दिल्ली के करावल नगर इलाके में एक बस्ती में रहता था. यूपी के बागपत का रहने वाला सोनू 39 वर्ष का था. उसने दिल्ली-एनसीआर में कई वारदातों को इंजाम दिया था. उसपर कई हत्याएं और डकैतियां के मामले दर्ज थे. सोनू ने रमेश ज्वैलर के यहां पर डकैती की थी. उसे हत्या के मामले में यूपी के गाजियाबाद के पास लोनी थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया था. लेकिन वो जेल से बाहर आ गया था. उसके बाद भी वो डकैती और हत्या की वारदात को अंजाम देता रहा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top