दफ्तरों में प्रमोशन पाने के लिए कर्मचारी दिन रात जी तोड़ मेहनत करते हैं, ताकि बॉस की एक नजर उन पर पड़े और उनकी किस्मत चमक जाए. क्यों कि तरक्की हर किसी को चाहिए. लेकिन तब क्या हो, जब तरक्की पाने की ललक इस कदर दिल-ओ-दिमाग पर हावी हो जाए कि अपनी बहादुरी की झूठी कहानी गढ़ दी जाए. ऐसा ही मामला गुजरात (Gujarat Railway Track) से भी सामने आया है. दरअसल पिछले दिनों रेल कर्मचारियों ने रेल की टूटी पटरी जोड़कर सोचा था कि अब तो उनकी खूब वाहवाही होगी. उनकी वजह से एक बड़ा हादसा जो टल गया है. उनकी झोली में इनाम और प्रमोशन सब गिरेगा, लेकिन कुछ ऐसा हुआ नहीं.
रेलवे कर्मचारियों के कारनामे की खुली पोल
बजाय प्रमोशन और इनाम, वह जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं. क्यों कि उनके कारनामे की पोल खुल चुकी है. जांच के बाद महकमे को भी पता चल गया कि रेल कर्मचारियों ने इनाम-प्रमोशन पाने के लिए रेल पटरी टूटी होने की फर्जी कहानी गढ़ी थी.इस मामले में 3 रेलकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
कर्मचारियों ने की पटरी से छेड़छाड़
सूरत जिले के किम के पास शनिवार को रेलवे में तोड़फोड़ की कथित घटना की जांच से पता चला कि यह एक मनगढ़ंत कहानी थी. जांच में सामने आया है कि तीन रेलवे कर्मचारियों ने ट्रैक के कुछ हिस्सों को पहले हटाया, ताकि यह लगे कि किसी ने ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश की है. शातिर कर्मचारियों में इसका वीडियो बनाया और और तस्वीरें लीं. उन्होंने दुर्घटना को टालने के लिए तारीफें और इनाम मिलने के लालच मे फिश प्लेट खोले और वीडियो बनाने के बाद इनको जोड़ दिया.
पटरी से छेड़छाड़ करने वाले तीन आरोपी
पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जांच का ब्योरा भी शेयर किया.गिरफ्तारों में दो ट्रैकमैन सुभाष पोद्दार और मनीष मिस्त्री शामिल हैं.तीसरा आरोपी शुभम जायसवाल कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाला कर्मचारी है.बिहार के भागलपुर का रहने वाला आरोपी सुभाष पोद्दार ग्रैजुएट है.वह पिछले 9 साल से रेलवे में नौकरी कर रहा है.वहीं मनीष मिस्त्री पटना के अंकुरी गांव का रहने वाला है.तीसरा आरोपी शुभम जायसवाल उत्तर प्रदेश के चंदौली का रहने वाला है.ये तीनों फिलहाल किम में रह रहे थे.
इन धाराओं में केस दर्ज
पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की कई धराओं के तहत पटरी को नुकसान पहुंचाने के आरोप में तीनों पर केस दर्ज कर लिया है. आरोपियों पर रेलवे एक्ट और प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट में भी केस दर्ज किया गया है.
रेलवे कर्मचारियों ने ऐसे गढ़ी झूठी कहानी
सूरत के एसपी हितेश जोश्यार के मुताबिक, संदिग्धों ने पुलिस को बताया था कि उन्होंने तीन लोगों को किम और कोसम्बा गांव के बीच रेल की पटरियों पर सुबह तड़के दौड़ते देखा था. जब उन्होंने पटरियों को चेक किया तो पता चला कि दो फिश प्लेट और इलास्टिक रेल क्लिप की निकली हुई हैं. उन्होंने 25 मिनट की मशक्कत के बाद उनको फिर से जोड़ा.
पुलिस को कैसे हुआ शक?
केस दर्ज होने के बाद पुलिस कोउन पर शक हुआ. पुलिस भी यही सोच रही थी कि आखिर इतने कम समय नें इन कर्मचारियों ने इसे जोड़ कैसे दिया. जिसके बाद जांच शुरू की गई. स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप को इसकी जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है.तीनों गिरफ्तार आरोपियों को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा.