पिछले एक महीने में टमाटर की कीमत में आई 22% की गिरावट, आखिर क्यों सस्ता हो रहा टमाटर?

केंद्र सरकार का कहना है क‍ि टमाटर की कीमत (Tomato Price in India) में लगभग 22 प्रतिशत की कमी आई है. सरकार के मुताबिक आपूर्ति बढ़ने से टमाटर की कीमतों में यह कमी आई है. मंडी में टमाटर की कीमत (Tomato price per kg) में आई कमी के कारण खुदरा कीमत में भी कमी आ रही है.रविवार को केंद्रीय उपभोक्‍ता कार्य मंत्रालय ने बताया कि 14 नवंबर को टमाटर का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 52.35 रुपये प्रति किलोग्राम था. यह 14 अक्टूबर को 67.50 रुपये प्रति किलोग्राम से 22.4 प्रतिशत कम है. 

आजादपुर मंडी में कीमतें घटकर 2,969 रुपये प्रति क्विंटल हुई

इसी अवधि के दौरान, टमाटर की आवक में वृद्धि होने से आजादपुर मंडी में कीमतें लगभग 50 प्रतिशत घटकर 5,883 रुपये प्रति क्विंटल से 2,969 रुपये प्रति क्विंटल हो गई. पिंपलगांव, मदनपल्ले और कोलार जैसे बेंचमार्क बाजारों से भी मंडी की कीमतों में भी इसी तरह की कमी की सूचना मिली है.

2023-24 में टमाटर का सालाना उत्पादन 213.20 लाख टन होने का अनुमान

कृषि विभाग  के अनुसार, 2023-24 में टमाटर का कुल वार्षिक उत्पादन चार प्रतिशत बढ़कर 213.20 लाख टन होने का अनुमान है. यह 2022-23 में 204.25 लाख टन था.

हालांकि टमाटर का उत्पादन पूरे वर्ष होता है, लेकिन उत्पादन क्षेत्रों और उत्पादन की मात्रा में मौसमी परिवर्तन होता रहता है. मौसम की प्रतिकूल स्थिति और आपूर्ति में मामूली व्यवधान के कारण भी टमाटर की कीमतों पर अत्याधिक प्रभाव पड़ता है.

टमाटर की कीमतों में उछाल की क्या थी वजह?

अक्टूबर में टमाटर की कीमतों में उछाल आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में अत्यधिक और लंबे समय तक बारिश के कारण था. भारत के विभिन्न क्षेत्रों में टमाटर उत्पादन में सामान्य मौसमी प्रभाव से पता चलता है कि प्रमुख टमाटर उत्पादक राज्यों में अक्टूबर और नवंबर में बुवाई होती है. हालांकि, फसल की खेती की कम अवधि और टमाटर की फसल कई बार तोड़ने के कारण बाजार में टमाटर की निरंतर उपलब्धता रहती है.

मदनप्पल और कोलार के प्रमुख टमाटर केंद्रों पर आवक में कमी

केंद्र सरकार के मुताबिक मदनप्पल और कोलार के प्रमुख टमाटर केंद्रों पर आवक में कमी हुई है, लेकिन महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों से मौसमी आवक के कारण कीमतों में कमी आई है. यह मौसमी आवक पूरे देश में टमाटर की आपूर्ति की कमी को पूरा कर रही है. अभी तक मौसम भी फसल के लिए अनुकूल रहा है.

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