‘पुलिस स्टेशन में बनाए गए झूठे रिकॉर्ड’, आरजी कर मामले में जांच एजेंसी का कोर्ट में बड़ा दावा

आरजी कर मेडिकल कॉलेज (RG Kar Medical College) में हुई रेप की घटना की जांच कर रही सीबीआई ने अदालत में बड़ा दावा किया है. सीबीआई ने दावा किया है कि मामले से जुड़े संबंधित कुछ झूठे रिकॉर्ड ताला पुलिस स्टेशन में बनाए गए थे. पिछले महीने एक जूनियर डॉक्टर की हत्या की जांच के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त केंद्रीय एजेंसी ने यह भी कहा कि उसके पास संबंधित पुलिस स्टेशन से सीसीटीवी फुटेज है, और इसे जांच के लिए शहर की एक केंद्रीय फोरेंसिक प्रयोगशाला में भेजा गया है . कोलकाता पुलिस ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

ताला थाने के प्रभारी अभिजीत मंडल और मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष से हिरासत में पूछताछ करने वाली सीबीआई ने अदालत को सूचित किया कि उसकी जांच में ‘नए/अतिरिक्त’ तथ्य सामने आए हैं, जिससे पता चलता है कि ताला थाने में मामले से संबंधित कुछ गलत रिकॉर्ड बनाए गए थे/बदले गए थे. उन्होंने बताया कि एजेंसी ने मंडल को 14 सितंबर को गिरफ्तार किया था, जबकि घोष को अदालत के आदेश के बाद बलात्कार और हत्या मामले में 15 सितंबर को हिरासत में ले लिया गया था.  सीबीआई ने इस भयानक घटना के अगले दिन 10 अगस्त को मुख्य संदिग्ध संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया था, क्योंकि ‘अपराध में उसकी भूमिका पहले ही सामने आ चुकी थी.”

पुलिस की जांच पर उठे थे सवाल
मुख्य संदिग्ध संजय रॉय को पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किया था. बुधवार को एजेंसी ने मंडल और घोष को उनकी रिमांड पूरी होने के बाद अदालत में पेश किया था. इसके बाद अदालत ने उन्हें 30 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

सीबीआई लगतार कर रही है पूछताछ
बताते चलें कि मंगलवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अस्पताल के ‘फोरेंसिक’ विभाग के एक चिकित्सक से फिर से पूछताछ की थी. केंद्रीय एजेंसी ने डॉ. अपूर्व बिस्वास से सोमवार को भी पूछताछ की थी. उनसे पूछा गया था कि नियमों का उल्लंघन करते हुए सूर्यास्त के बाद चिकित्सक का पोस्टमार्टम क्यों किया गया.  अधिकारी ने बताया कि सेमिनार हॉल से नमूने एकत्र करने में की गई ‘‘जल्दबाजी” के पीछे के कारणों के बारे में भी पूछताछ की गई, जहां नौ अगस्त को चिकित्सक का शव बरामद हुआ था.  सीबीआई अधिकारी ने कहा, ‘‘उनके जवाबों को दस्तावेज में दर्ज कर लिया गया है. अगर जरूरत पड़ी तो हम उन्हें दोबारा पूछताछ के लिए बुलाएंगे.”

जूनियर डॉक्टर आंशिक तौर पर काम पर लौटे, आंदोलन जारी
इस बीच, अपने सहकर्मी की हत्या के विरोध में 40 दिनों से अधिक समय तक हड़ताल करने के बाद शनिवार को जूनियर डॉक्टर आंशिक रूप से काम पर लौट आए थे. हालांकि अभी केवल आवश्यक और आपातकालीन सेवाओं की शुरुआत हुई है. डॉक्टर  9 अगस्त से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.  सरकार की तरफ से आंदोलनकारियों से लगातार बातचीत की कोशिश जारी है.

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