बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद अब वहां के चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. प्रदर्शनकारी छात्रों ने आज सुप्रीम कोर्ट का घेराव किया था और ओबैदुल हसन को इस्तीफा देने के लिए एक घंटा की मोहलत दी थी. दरअसल ओबैदुल हसन ने नवगठित अंतरिम सरकार से परामर्श किए बिना आज सभी न्यायाधीशों की एक बैठक बुलाई थी. जिसका प्रदर्शनकारियों ने विरोध किया और इस्तीफे की मांग पर अड़ गए. छात्र प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि न्यायालय के न्यायाधीश एक साजिश का हिस्सा हैं. विरोध बढ़ने पर, बैठक को रद्द करना पड़ा. बता दें ओबैदुल हसन को पिछले वर्ष सुप्रीम कोर्ट का प्रमुख नियुक्त किया गया था और उन्हें प्रधानमंत्री शेख हसीना का वफादार माना जाता है.
बांग्लादेश में एक महीने से अधिक समय तक चले विरोध प्रदर्शनों में कम से कम 450 लोग मारे गए है. बांग्लादेश में तख्तापलट होने के बाद अल्पसंख्यकों पर हिंसा की घटनाएं बढ़ गई है. अल्पसंख्यकों पर बढ़ रही हिंसक घटनाओं पर भारत सरकार ने चिंता जताई है. भारत सरकार ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री से संपर्क साधा है और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है. दूसरी ओर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अनुसार “पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में भारत-बांग्लादेश सीमा पर लगभग 1,000 बांग्लादेशी नागरिक खड़े हैं, जो भारत में शरण लेने के इरादे से सीमा पर आए हैं.” बांग्लादेश का 4,000 किलोमीटर बॉर्डर भारत से लगता है.
ढाका यूनिवर्सिटी के तीन छात्र नाहिद इस्लाम, आसिफ महमूद और अबू बकर ने बांग्लादेश में ये आंदोलन खड़ा किया और अब ये तीनों अंतरिम सरकार की रूपरेखा तय कर रहे हैं.