पश्चिम बंगाल (West bengal) में भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) की तरफ से 12 घंटे का बंद बुलाया गया था. इस दौरान कई जगहों पर बीजेपी और टीएमसी के कार्यकर्ता और पुलिस के बीच झड़प देखने को मिली. दोनों ही तरफ से जमकर बयानबाजी भी हुई. पूरे राज्य में इस बंद का मिला-जुला असर देखा गया. सुबह से ही सड़कों और रेल की पटरियों को अवरुद्ध करने के लिए पूर्व राज्यसभा सदस्य रूपा गांगुली और लॉकेट चटर्जी तथा राज्यसभा सदस्य समिक भट्टाचार्य व विधायक अग्निमित्रा पॉल समेत कई भाजपा नेताओं को हिरासत में लिया गया.
टीएमसी कार्यकर्ताओं ने बंद का किया विरोध
बीजेपी के द्वारा आहूत बंद का तृणमूल कांग्रेस ने विरोध किया. टीएमसी के कार्यकर्ता सड़कों पर इस बंद के विरोध में उतरे. टीएमसी के नेताओं ने कहा कि अगर हमें देश को बचाना है, तो बीजेपी को हटाना पड़ेगा. बंगाल बंद के दौरान सबसे गंभीर घटना उत्तर 24 परगना जिले के भाटापारा से सामने आई है, जहां दो समूहों के बीच गोलीबारी हुई, जिसके बाद एक स्थानीय भाजपा समर्थक रबी सिंह को गोली लग गई और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.
सीएम ममता बनर्जी ने संभाला मोर्चा
ममता बनर्जी ने कोलकाता की एक रैली में केंद्र सरकार और BJP पर निशाना साधते हुए कहा, “कुछ लोग अपनी पार्टी की मदद से बंगाल में आग लगा रहे हैं. माहौल बिगाड़ रहे हैं. याद रखिए… बंगाल में अगर आग लगाएंगे, तो असम भी नहीं बचा रहेगा. बंगाल अगर जलेगा, तो असम, बिहार, झारखंड, यूपी, ओडिशा और दिल्ली भी जलेंगे. नॉर्थ ईस्ट भी चुप नहीं रहेगा. यूपी-बिहार भी चुप नहीं रहेगा.” ममता ने कहा कि बंगाल और बांग्लादेश की संस्कृति एक है. कई लोग बंगाल को बांग्लादेश समझ रहे हैं. याद रखिएगा कि अगर बंगाल में आग लगाने की कोशिश की तो पूरे देश में आग लगेगी.
डॉक्टरों को धमका रही हैं ममता बनर्जी : सुधांशु त्रिवेदी
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में इंसाफ दिलाने की मांग को लेकर पार्टी के विरोध-प्रदर्शनों के खिलाफ पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के रवैये पर सवाल उठाया है. उन्होंने आरोप लगाया कि जांच को भटकाने, आरोपी को बचाने और सबूतों को मिटाने के बाद अब ममता बनर्जी डॉक्टरों को धमका रही हैं.
सुधांशु त्रिवेदी ने यहां भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि जांच को भटकाने, आरोपी को बचाने और सबूत मिटाने के बाद अब पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों को धमकाने की एक नई रणनीति दिखाई पड़ रही है. इससे पहले लोगों ने कोई ऐसा बंद नहीं देखा होगा, जहां एक तरफ बंद का आह्वान किया जाए और दूसरी तरफ सत्ताधारी दल के नेता जाकर दुकानों को खुलवाने का प्रयास करें.
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “इसके बाद मुख्यमंत्री (ममता बनर्जी) आकर प्रेस को संबोधित करते हुए कहती हैं, ‘मैं नहीं चाहती कि एफआईआर हो – ताकि करियर न बर्बाद हो, पासपोर्ट और वीजा मिलने में समस्या न हो.’ ” भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि शब्दों के हेर-फेर के साथ “ममता बनर्जी ने सीधे-सीधे डॉक्टरों को धमकाने का काम किया है. करियर पर प्रश्नचिन्ह लगाने की बात कर, शब्दों के मायाजाल के जरिये डॉक्टरों को धमकाया जा रहा है.” उन्होंने कहा कि भाजपा ममता बनर्जी द्वारा डॉक्टरों को परोक्ष रूप से धमकाने के इस प्रयास की कड़ी भर्त्सना करती है और पीड़िता को न्याय दिलवाने तक संघर्ष करती रहेगी.
बैरकपुर से पूर्व लोकसभा सदस्य और भाजपा नेता अर्जुन सिंह ने दावा किया कि घायल समर्थक और उसके कुछ साथियों को तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर रोक लिया और उन पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं. सिंह ने कहा, “बंद को विफल करने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ता सुबह से ही इलाके में आतंक मचा रहे हैं.”
बंगाल बंद पर बीजेपी नेता अग्निमित्रा पाल ने पत्रकारों से बातचीत में ममता बनर्जी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “इस सरकार का रवैया घिनौना है. सरकार कानून को नहीं मानती है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की भी अवहेलना की है. यह सरकार महिलाओं को सुरक्षित माहौल प्रदान करने अक्षम है. लिहाजा हमारा विरोध प्रदर्शन इस सरकार के खिलाफ जारी रहेगा.” प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए नबन्ना मार्च के दौरान गिरफ्तार हुए छात्रों की रिहाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की तानाशाही अब नहीं चलेगी. उन्होंने राज्यपाल को पत्र भी लिखा है. उन्होंने कहा कि इस सरकार का विरोध जरूरी है.
बंगाल बंद की प्रमुख बातें
बंगाल में महिलाओं की स्थिति बिगड़ती जा रही: केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी
पश्चिम बंगाल में एक चिकित्सक से कथित बलात्कार और उसकी हत्या की घटना को लेकर हो रहे व्यापक विरोध प्रदर्शन के बीच केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा है कि राज्य में एक महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद महिलाओं की स्थिति ‘‘बिगड़ती” जा रही है. उन्होंने महिलाओं के खिलाफ अपराधों से निपटने के लिए त्वरित अदालतों के गठन और आपातकालीन हेल्पलाइन जैसी केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू करने में ‘‘विफल रहने के लिए” मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना की. महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि यह विडंबना है कि पश्चिम बंगाल देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जिसकी मुख्यमंत्री महिला हैं लेकिन फिर भी राज्य में महिलाओं की स्थिति बिगड़ती जा रही है.
आईएमए ने आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को किया निलंबित
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने बुधवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष की सदस्यता निलंबित कर दी. यह कदम इस महीने की शुरुआत में कोलकाता स्थित इस संस्थान में एक जूनियर डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या की सीबीआई जांच के बीच उठाया गया है. एसोसिएशन की कोलकाता शाखा के उपाध्यक्ष घोष की सदस्यता के निलंबन का फैसला आईएमए की अनुशासन समिति द्वारा लिया गया. आईएमए ने एक आदेश में कहा कि संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आर.वी. अशोकन द्वारा बुधवार को गठित समिति ने स्नातकोत्तर रेजिडेंट डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले तथा आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में उसके बाद के घटनाक्रम पर स्वत: संज्ञान लेते हुए विचार किया.
जूनियर डॉक्टरों ने काम पर लौटने की ममता बनर्जी की अपील ठुकराई
पश्चिम बंगाल में आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों ने काम पर लौटने की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अपील को बुधवार को खारिज कर दिया. राज्य के जूनियर डॉक्टर एक महिला डॉक्टर के साथ कथित दुष्कर्म और हत्या की घटना के विरोध में पिछले 20 दिनों से काम बंद कर हड़ताल कर रहे हैं. पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फोरम के एक सदस्य ने कहा कि जब तक आरजी कर अस्पताल की पीड़िता महिला डॉक्टर को न्याय मिलने समेत उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वे आंदोलन वापस नहीं लेंगे. जूनियर डॉक्टरों ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष को स्वास्थ्य सेवाओं से निलंबित करने तथा कोलकाता पुलिस आयुक्त के खिलाफ भी ऐसी ही कार्रवाई की मांग की. डॉक्टरों के फोरम ने अपनी मांगों को लेकर कोलकाता के उत्तरी भाग में श्यामबाजार इलाके में एक रैली भी निकाली.