बांग्लादेश के चट्टोग्राम में शुक्रवार को नारेबाजी कर रही भीड़ ने तीन हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की. इस्कॉन के एक पूर्व सदस्य के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किए जाने के बाद से चट्टोग्राम में विरोध प्रदर्शन जारी है.
न्यूज पोर्टल ‘बीडीन्यूज24 डॉट कॉम’ ने अपनी खबर में कहा कि यह हमला बंदरगाह शहर के हरीश चंद्र मुनसेफ लेन में दोपहर करीब 2:30 बजे हुआ और इस दौरान शांतानेश्वरी मातृ मंदिर, शनि मंदिर और शांतनेश्वरी कालीबाड़ी मंदिर को निशाना बनाया गया.
समाचार पोर्टल ने मंदिर अधिकारियों के हवाले से बताया, ‘‘नारेबाजी कर रहे सैकड़ों लोगों के एक समूह ने मंदिरों पर ईंट-पत्थर फेंके, जिससे शनी मंदिर और अन्य दो मंदिरों के द्वार क्षतिग्रस्त हो गए.”
कोतवाली पुलिस स्टेशन के प्रमुख अब्दुल करीम ने हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि हमलावरों ने मंदिरों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया. पुलिस ने कहा कि मंदिरों को बहुत कम नुकसान हुआ है.
शांतिनेश्वरी मुख्य मंदिर प्रबंधन समिति के स्थायी सदस्य तपन दास ने bdnews24.com को बताया कि, “जुमा की नमाज़ के बाद सैकड़ों लोगों का एक जुलूस आया. उन्होंने हिंदू विरोधी और इस्कॉन विरोधी नारे लगाने शुरू कर दिए.”
वेबसाइट ने उनके हवाले से बताया कि, “हमने हमलावरों को नहीं रोका. जब स्थिति बिगड़ गई, तो हमने सेना को बुलाया, जो तुरंत पहुंची और व्यवस्था बहाल करने में मदद की. दोपहर से पहले सभी मंदिरों के द्वार बंद कर दिए गए थे. उपद्रवी बिना किसी उकसावे के आए और हमला कर दिया.”
बांग्लादेश के इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) के पूर्व सदस्य आध्यात्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास को सोमवार को देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया. मंगलवार को उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया गया. इससे बांग्लादेश में राजधानी ढाका और चट्टोग्राम सहित कई जगहों पर हिंदू समुदाय के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए.
गत 30 अक्टूबर को चटगांव के कोतवाली पुलिस स्टेशन में दास समेत 19 लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था, जिसमें उन पर हिंदू समुदाय की एक रैली के दौरान चट्टोग्राम के न्यू मार्केट इलाके में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाया गया था.
मंगलवार को नई दिल्ली ने नेता की गिरफ्तारी और जमानत देने से इनकार करने पर चिंता व्यक्त की और बांग्लादेश से हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा. इस सप्ताह हुई हिंदू विरोधी घटनाओं के कारण दोनों दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के बीच कूटनीतिक विवाद पैदा हो गया है.
भारत ने शुक्रवार को कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए. उसने चरमपंथी बयानबाजी में “बढ़ोतरी” और हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की बढ़ती घटनाओं के साथ-साथ मंदिरों पर हमलों पर गंभीर चिंता व्यक्त की है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद को बताया कि भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं को गंभीरता से लिया है और अल्पसंख्यकों सहित सभी नागरिकों के जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा करना ढाका की प्राथमिक जिम्मेदारी है.
दूसरी ओर, बांग्लादेश ने शुक्रवार को कोलकाता में उप उच्चायोग में हिंसक विरोध प्रदर्शन पर गहरी चिंता व्यक्त की और नई दिल्ली से भारत में अपने सभी राजनयिक मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया.