अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से शनिवार को संभवतः अंतिम बार मिलेंगे. वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने यह बात कही है. बीजिंग डोनाल्ड ट्रम्प के नेतृत्व में वाशिंगटन के साथ संभावित रूप से अधिक टकराव की स्थिति के लिए तैयारी कर रहा है. इन हालात में दोनों नेताओं के बीच पेरू के लीमा में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग मंच के मौके पर वाशिंगटन और बीजिंग के बीच बढ़ते तनाव सहित कई वैश्विक मुद्दों पर बातचीत होने की उम्मीद है.
बाइडेन और जिनपिंग के बीच अप्रैल में फोन कॉल के बाद यह पहली ज्ञात बातचीत होगी. नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा कि, “बातचीत आसान नहीं है. रिश्ते को संभालने में यह स्पष्ट रूप से महत्वपूर्ण है.”
बाइडेन और शी जिनपिंग ने ताइवान से लेकर दक्षिण चीन सागर, उत्तर कोरिया और रूस तक के मुद्दों पर तनाव को कम रखने की कोशिश की है. अमेरिकी सरकार ने फेंटेनाइल के तत्वों के फ्लो, जो अमेरिकी ड्रग ओवरडोज का प्रमुख कारण है, को रोकने के लिए चीन से काफी मदद मांगी है.
बाइडेन और शी ने पिछले नवंबर में नेता-स्तरीय वार्ता बहाल की, जिससे मादक पदार्थों के खिलाफ प्रयासों पर अधिक सहयोग मिला. लेकिन ताइवान पर संभावित संघर्ष जैसे बड़े मुद्दों पर बहुत कम प्रगति हुई. लोकतांत्रिक रूप से शासित ताइवान को चीन अपना क्षेत्र होने का दावा करता है.
डेमोक्रेटिक प्रशासन ने पिछले महीने चीन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग और सेमीकंडक्टर में अमेरिकी निवेश को प्रतिबंधित करने वाले नियमों को अंतिम रूप दिया, जो कि जनवरी में लागू होने वाले हैं. इसके बाद बाइडेन ने चीन से आने वाले और अधिक सामानों पर टैरिफ बढ़ा दिया. दोनों ही कदमों को चीन ने प्रतिकूल बताते हुए खारिज कर दिया.
रिपब्लिकन ट्रंप ने “अमेरिका फर्स्ट” व्यापार उपायों के पैकेज के हिस्से के रूप में चीनी वस्तुओं के अमेरिकी आयात पर 60% टैरिफ लागू करने का संकल्प लिया है. बीजिंग इन कदमों का विरोध करता है.
कथित तौर पर शी ने पिछले हफ्ते ट्रंप को 5 नवंबर को हुए चुनाव में जीत के लिए बधाई देने के लिए फोन किया था. ट्रंप 20 जनवरी को पदभार ग्रहण करेंगे.
(इनपुट रॉयटर से)