भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए किये गये प्रयासों को लेकर शुक्रवार को नरेन्द्र मोदी सरकार की तारीफ की तथा कांग्रेस नीत विपक्ष पर इस वर्ग के वास्ते महज ‘जुबानी जमाखर्च’ करने का आरोप लगाया. कृषि और किसान कल्याण एवं ग्रामीण विकास मंत्री चौहान स्वतंत्रता सेनानी रामफल मंडल की स्मृति में पार्टी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
शिवराज सिंह चौहान की प्रमुख बातें
बिहार का टैलेंट दुनिया में अद्भुत, इस टैलेंट का ठीक उपयोग बिहार को भारत का ही सिरमौर नहीं बनाएगा बल्कि भारत को दुनिया का सिरमौर बना देगा. उन्होंने कहा, कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसकी आत्मा है.
पीएम मोदी को धन्यवाद करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा, मैं प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने किसानों की सेवा का काम मुझे दिया है. किसानों की सेवा ही मेरे लिए भगवान की पूजा है. हम पूरी कोशिश करेंगे कि हम देश के किसानों का कल्याण कर सकें.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री जी ने लालकिले से कहा है कि वो तीन गुना तेजी से काम करेंगे. बिहार की सरकार, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और कृषि विभाग को बधाई देना चाहता हूँ. लगातार खेती के कल्याण के काम में वो लगे हुए हैं. आज मैंने स्टॉल देखे हैं, मखाना, चावल, शहद, मक्का, चाय सब कुछ अद्भुत है. बिहार के किसानों को प्रणाम करता हूं. बड़े जमीन के टुकड़े हमारे पास नहीं हैं, 91 प्रतिशत सीमांत किसान हैं, लेकिन फिर भी किसान चमत्कार कर रहे हैं.
आज पटना के गांधी मैदान स्थित एस. के. मेमोरियल हॉल में अमर शहीद रामफल मंडल जी के शहादत दिवस पर बिहार भाजपा के ओबीसी मोर्चा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सहभागिता कर उनके चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री @rsprasad जी,… pic.twitter.com/9qPVW91Ei4
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 23, 2024
किसानों के लिए 6 सूत्र
उत्पादन बढ़ाना, इसके लिए जरूरी है अच्छे बीज. उत्पादन अच्छा है लेकिन और संभावना है. फल, सब्जी, अनाज, दलहन, तिलहन के अच्छे बीज जरूरी हैं. मुझे खुशी है कि 65 फसलों की 109 प्रजातियों के बीज प्रधानमंत्री ने समर्पित किये हैं किसानों को. ऐसी धान की किस्म है, जिसमें 30% कम पानी लगता है. बाजरे की एक किस्म है जिसकी फसल 70 दिन में आ जाती है. ऐसे बीज हैं जो जलवायु के अनुकूल हैं. बढ़ते तापमान में भी अच्छा उत्पादन देते हैं.
उत्पादन की लागत घटाना हमारा दूसरा संकल्प है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से किसानों को बहुत मदद मिलती है. केसीसी से खाद के लिए सस्ता लोन मिल जाता है. तीसरी चीज है उत्पादन के ठीक दाम मिल जाएं. यहां का मखाना धूम मचा रहा है. मखाना एक्सपोर्ट क्वालिटी का पैदा हो रहा है. चीजें एक्सपोर्ट होती है तो किसान को ज्यादा फायदा होता है. इससे जुड़ा कार्यालय बिहार में आये, इसके लिए मैं प्रयास करूंगा.
कृषि का विविधीकरण सरकार के रोडमैप में है. परंपरागत फसलों के साथ ही ज्यादा पैसे देने वाली फसलों को बढ़ावा देने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने कहा, मैं फूड प्रोसेसिंग की बात भी करना चाहूंगा. बिहार का टैलेंट दुनिया में अद्भुत है. इस टैलेंट का ठीक उपयोग बिहार को भारत का सिरमौर नहीं बनाएगा, भारत को दुनिया का सिरमौर बना देगा. इसे खेती में और कैसे लगा सकते हैं, नए आइडियाज़ के साथ.
केमिकल फर्टिलाइजर का उपयोग आखिर हम कब तक करेंगे. इससे उर्वरक क्षमता भी कम होती है और जो उत्पादन होता है, उनका शरीर पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है.
आजकल केंचुए गायब हो गए हैं. खाद डालकर उनका समापन ही कर दिया. केंचुआ 50-60 फीट जमीन के नीचे जाता है, ऊपर आता है, इससे जमीन उर्वरक रहती है.
कृषि मंत्री ने कहा, ‘‘हम कृषि उत्पादन में वृद्धि सुनिश्चित करने के साथ-साथ खेती की लागत में कमी लाने का भी प्रयास कर रहे हैं ताकि कृषि को आर्थिक रूप से अलाभकारी गतिविधि के रूप में न देखा जाए. बागवानी और फूलों की खेती जैसी गतिविधियों को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है तथा प्राकृतिक आपदाओं के कारण नुकसान सहने वाले किसानों को सहायता प्रदान की जा रही है.”
उन्होंने कहा, ‘‘कृषि का विविधीकरण सरकार की योजना में शामिल है… पारंपरिक फसलों के साथ-साथ हम उन फसलों की खेती को प्रोत्साहित करेंगे जिनसे अधिक धन प्राप्त हो सकता है.”