देश में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में विस्तार जारी है. अगस्त में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 57.5 रहा है, जो कि जुलाई में 58.1 था. एचएसबीसी इंडिया के सर्वे में सोमवार को यह जानकारी दी गई. इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) एसएंडपी ग्लोबल द्वारा तैयार किया जाता है. जब भी यह 50 के ऊपर होता है तो सुधार को दिखाता है.
PMI जुलाई 2021 के बाद से 50 के ऊपर
भारत का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई जुलाई 2021 के बाद से ही 50 के ऊपर बना हुआ है. यह बीते 11 वर्षों में अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि है.
रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई में अगस्त में नरमी की वजह नए बिजनेस और आउटपुट में कम वृद्धि होना है. हालांकि, कंपनियों की ओर से इनपुट में कमी की संभावना को देखते हुए खरीदारी को बढ़ा दिया है.
प्री-प्रोडक्शन स्टॉक में उछाल पिछले 19 वर्ष से अधिक के डाटा संग्रह में सबसे तेज रहा है. खरीदारी की गतिविधियों में तेज उछाल की वजह लागत में कमी आना है. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि लागत में महंगाई दर बीते पांच महीने में सबसे कम तेजी से बड़ी है.
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि दर में अगस्त में हल्की नरमी
एचएसबीसी की मुख्य भारतीय अर्थशास्त्री (भारत) प्रांजुल भंडारी का कहना है कि भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि दर में अगस्त में हल्की नरमी देखने को मिली है. जो नए ऑर्डर और आउटपुट हेडलाइन ट्रेंड को दिखाते हैं. इस सर्वे में भाग लेने वाली कुछ कंपनियों का कहना है कि अधिक प्रतिस्पर्धा वृद्धि दर में नरमी का कारण है.
आगामी 12 महीने का आउटलुक सकारात्मक
जुलाई में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में विस्तार की वजह मजबूत घरेलू मांग और नए एक्सपोर्ट ऑर्डर का मिलना है. रिपोर्ट में कहा गया कि आने वाले 12 महीने का आउटलुक सकारात्मक बना हुआ है और कंपनियां अतिरिक्त स्टाफ जोड़ने को लेकर आशावादी है.