Blood sugar control tips : भारत में, मखाना का उपयोग धार्मिक अनुष्टानों से लेकर व्रत के व्यंजनों तक और यहां तक कि आपके ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए भी किया जाता है. ये सूखा मेवा अच्छे कार्ब्स और प्रोटीन से भरपूर होते हैं. मखाने में ग्लाइसेमिक इंडेक्स चावल, सफेद ब्रेड, पास्ता आदि जैसे खाद्य पदार्थों की तुलना में काफी कम होता है. इसके अलावा, कम सोडियम और उच्च मैग्नीशियम सामग्री मखानों को मधुमेह और मोटापे को मैनेज करने में फायदेमंद साबित होती है. इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट ब्लड शुगर पेशेंट्स को फॉक्स नट को डाइट में शामिल करने की सलाह देते हैं.
ब्लड शुगर मरीजों को सूखे मखाने को भूनकर खाना रामबाण साबित हो सकता है.सूखे भुने हुए का मतलब है कि मखानों को भूनने में किसी भी तरह का तेल का इस्तेमाल नहीं किया गया है. आपको बता दें कि लगभग 50 ग्राम सूखे भुने हुए मखानों में लगभग 180 कैलोरी होती है और कोई सैचुररेटेड फैट्स या सोडियम नहीं होता.मखाने में मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में होता है, इसलिए यह शरीर में ऑक्सीजन और ब्लड फ्लो को काफी हद तक बेहतर बनाता है. अगर आपके शरीर में मैग्नीशियम का लेवल कम है, तो रोज़ाना मुट्ठी भर मखाने खाने से हृदय रोगों का जोखिम कम हो सकता है.हर दूसरे भोजन की तरह, मखाने का भी सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए अत्यधिक खाने से कब्ज, सूजन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. इसका सेवन आपकी स्किन को चमकदार बनाए रखेगा, साथ ही चेहरे पर झुर्रियां आने से भी रोकेगा औऱ दाग धब्बे को भी हल्का करेगा. मखाने कैलोरी (low calorie) में कम होते हैं और फाइबर से भरपूर, जिससे ये लंबे समय तक पेट को भरा रखते हैं. इसे खाकर आप आपका वेट बैलेंस कर सकते हैं. अगर आप स्ट्रेस, डिप्रेशन और एंग्जाइटी से जूझ रहे हैं, तो फिर इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण तनाव और चिंता को कम करने में भी मदद कर सकते हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.