बिहार में सहयोगी राजद से तकरार के बीच कांग्रेस के नेता शहनवाज आलम (Shahnawaz Alam) ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी चाहेगी कि राज्य में महागठबंधन की सरकार बनने पर उसके दो उपमुख्यमंत्री बनाए जाएं, जिनमें से एक मुसलमान हो. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और राज्य के सह पार्टी प्रभारी आलम के इस बयान पर राजद ने आपत्ति जताई जबकि सत्तारूढ़ एनडीए में शामिल दलों जेडीयू और भाजपा ने चुटकी ली.
फिलहाल राज्य का दौरा कर रहे आलम ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं की सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘हमारा संकल्प है कि अगर तेजस्वी यादव के नेतृत्व में अगली सरकार बनती है, तो हमारी पार्टी से दो उपमुख्यमंत्री बनने चाहिए, जिसमें से एक मुस्लिम और दूसरा उच्च जातियों (सामान्य वर्ग) से होना चाहिए.”
पारंपरिक जनाधार वापस पाने की कोशिश!
आलम के बयान को खोया हुआ पारंपरिक जनाधार वापस पाने की कांग्रेस की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है, जिसमे दलित, मुसलमान और उच्च जाति वर्ग शामिल हैं.
हालांकि, यह बात राजद को पसंद नहीं आई, जिसे कांग्रेस का मुस्लिम जनाधार खिसकने से फायदा हुआ है. पार्टी आलम की हालिया टिप्पणी से विशेष रूप से नाराज है कि विधानसभा चुनावों के लिए सीट बंटवारे के फार्मूले को अंतिम रूप देते समय ‘लोकसभा चुनाव के स्ट्राइक रेट’ पर विचार किया जाना चाहिए.
उल्लेखनीय है कि आम चुनावों में कांग्रेस ने नौ सीटों पर चुनाव लड़कर केवल तीन सीट जीती थीं, जबकि राजद ने 23 उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन उसे केवल चार सीट पर जीत मिली. इस हिसाब से कांग्रेस अपने प्रदर्शन को राजद से बेहतर बता रही है.
आलम के आक्रामक रुख से लालू नाराज
आलम के आक्रामक रुख से तेजस्वी यादव के पिता और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद नाराज दिखाई दिए और उन्होंने ‘इंडिया’ गठबंधन के नेतृत्व के दावे को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का समर्थन किया था. लालू के बयान को कांग्रेस और राजद के बीच खटपट के तौर पर देखा गया.
आलम अपने रुख पर कायम नजर आए जबकि राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने प्रतिक्रिया व्यक्त हुए कहा, ‘ऐसे बयान गठबंधन धर्म का उल्लंघन करते हैं. कांग्रेस को ऐसे बेलगाम बयानबाजों पर लगाम लगानी चाहिए.’
मुसलमानों का रुझान NDA की ओर : JDU
इस बीच, जेडीयू के विधान परिषद सदस्य खालिद अनवर ने मुसलमानों तक पहुंच बनाने के आलम के दावों को खारिज करते हुए कहा, ‘समुदाय यह नहीं भूल सकता कि कांग्रेस के शासन में ही मेरठ, भागलपुर और जबलपुर में दंगे हुए थे. गुलाम नबी आजाद जैसे वरिष्ठ नेताओं को पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. बिहार में हाल ही में हुए विधानसभा उपचुनावों में मुसलमानों का रूझान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए की ओर दिखा है.”
भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचोल ने भी मुस्लिम उपमुख्यमंत्री की कांग्रेस की मांग की आलोचना करते हुए इसे ‘तुष्टिकरण की राजनीति का एक और उदाहरण’ बताया.
भाजपा नेता ने कहा, ‘2025 और 2029 के बीच बिहार में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के पदों के लिए कोई रिक्ति नहीं है. नीतीश कुमार बने रहेंगे, और हमारी पार्टी तय करेगी कि उपमुख्यमंत्री कौन होंगे.”