महुआ के जज लोया की मौत का जिक्र करने पर लोकसभा में हंगामा, किरेन रिजीजू ने दी कार्रवाई की चेतावनी

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) ने शुक्रवार को लोकसभा में कुछ ऐसी टिप्पणियां कर दीं जिस पर भारी हंगामा हुआ. लोकसभा में सत्तापक्ष के सांसदों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी. महुआ ने जज लोया (बृजगोपाल हरकिशन लोया) की मौत का जिक्र किया. इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने कड़ी आपत्ति की. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू (Kiren Rijiju) ने महुआ के बयान का कड़ा विरोध करते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी.

महुआ मोइत्रा ने सदन में ‘संविधान के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा’ में भाग लेते हुए केंद्र सरकार पर संविधान को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दस साल में राजनीतिक ओहदेदारों ने लोकतंत्र को क्रमिक तरीके से नुकसान पहुंचाया है.”

महुआ ने इसी क्रम में आज सदन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने 1976 के दशक में कांग्रेस के शासनकाल में जस्टिस एचआर खन्ना से जुड़े घटनाक्रम का उल्लेख किया था. उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी को याद दिलाना चाहती हूं कि न्यायमूर्ति खन्ना 1976 के बाद भी 32 साल तक रहे जिसमें अधिकतर समय कांग्रेस की सरकार थी और उन्होंने अपनी आत्मकथा भी लिखी.”

मोइत्रा ने एक अन्य दिवंगत जज का नाम लेकर सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ‘‘न्यायमूर्ति लोया तो अपने समय से बहुत पहले इस दुनिया से विदा हो गए.’

महुआ मोइत्रा के भाषण के बाद विपक्ष ने उठाया मुद्दा

तृणमूल कांग्रेस की सांसद के भाषण के बाद सत्तापक्ष के सदस्यों ने इस मुद्दे को उठाते हुए आपत्ति जताई. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने जब यह मुद्दा उठाने का प्रयास किया तो पीठासीन सभापति कुमारी सैलजा ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी.

लोकसभा में बाद में आसन पर अध्यक्ष ओम बिरला आसीन हुए और उनके इजाजत देने के बाद निशिकांत दुबे ने कहा कि जस्टिस बीएच लोया की मौत का जिक्र तृणमूल कांग्रेस सांसद ने किया है, उनकी असामयिक मौत की पुष्टि अन्य न्यायाधीशों ने भी की थी. उन्होंने महुआ मोइत्रा के इस बयान और एफसीआरए को लेकर की गई टिप्पणी को प्रमाणित करने को कहा.

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा, ‘‘सदस्य ने न्यायमूर्ति लोया के बारे में जो कहा वह बहुत गंभीर विषय है. न्यायपालिका में सारा मामला खत्म हो चुका है. यह एक ‘सेटल्ड केस (सुलझ चुका मामला)’ है. न्यायाधीशों के बीच दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई. इसमें किसी के कोई हस्तक्षेप का सवाल ही नहीं उठता.” उन्होंने कहा कि सदस्य ने जिस तरह का बयान दिया है, उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.

संसदीय कार्रवाई किए जाने की चेतावनी

किरेन रीजीजू ने चेतावनी भरे अंदाज में कहा, ‘‘अध्यक्ष ने मामले को संज्ञान में लिया है. मैं सदन को सूचित करना चाहता हूं कि इस पर कार्रवाई होगी. हम लोग की तरफ से उचित संसदीय कार्रवाई की जाएगी. इस तरह की टिप्पणी पर आप बच नहीं सकते. यह गलत परंपरा है.”

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘‘इस पर हम रिकॉर्ड मंगाकर देख लेंगे.”

रिजीजू के बयान पर तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्य हंगामा करने लगे. सत्तापक्ष के सदस्य भी तृणमूल सांसद के बयान पर आपत्ति जता रहे थे. दोनों पक्षों के हंगामे के कारण अध्यक्ष ने शाम करीब 5.23 बजे कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी.

बैठक फिर शुरू होने पर पीठासीन सभापति दिलीप सैकिया ने बीजेपी सदस्य जगदंबिका पाल को चर्चा में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया. पाल अपनी बात शुरू कर पाते, इसी बीच विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. सैकिया ने हंगामा कर रहे सदस्यों को समझाने का प्रयास किया. किंतु उनकी अपील का असर न होते देख उन्होंने सदन की बैठक शाम छह बजकर पंद्रह मिनट तक के लिए स्थगित कर दी.

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