भारत के पूर्व स्टार क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के हरमू स्थित आवासीय भूखंड के व्यावसायिक इस्तेमाल का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. पूर्व क्रिकेटर पर आरोप है कि उन्होंने अपने इस आवासीय जमीन का व्यावसायिक इस्तेमाल किया.
क्या है पूरा मामला?
पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को झारखंड सरकार ने हरमू हाउसिंग कॉलोनी में 5 डिसमिल जमीन बतौर उपहार दिया था. महेंद्र सिंह धोनी ने वहीं 5 डिसमिल जमीन खुद खरीदी की थी. इसके बाद उन्होंने कुल 10 डिसमिल पर आलीशान घर बनाया था.
झारखंड आवास बोर्ड के अध्यक्ष संजय लाल पासवान ने बताया कि इसकी जांच होगी. उन्होंने कहा कि पहले भी कई आवंटियों को आवासीय खंड का व्यावसायिक इस्तेमाल करने लेकर नोटिस जारी किया गया है.
झारखंड आवास बोर्ड के अध्यक्ष ने क्या कहा?
इससे पहले गुरुवार को बोर्ड के चेयरमैन संजय लाल पासवान ने मीडिया से कहा था कि जिन लोगों को आवासीय उद्देश्यों से प्लॉट, मकान या क्वार्टर आवंटित किया गया है, वहां किसी तरह की व्यावसायिक गतिविधि संचालित नहीं की जा सकती. बोर्ड ने ऐसे कई प्लॉटों को चिन्हित करते हुए उन्हें नोटिस भेजा था. जिन लोगों ने नोटिस का जवाब दिया है, उस पर विचार किया जा रहा है. जिनकी ओर से नोटिस पर कोई जवाब नहीं आया है, उनके प्लॉट रद्द करने की कार्रवाई शुरू की जा रही है.
बता दें कि भारतीय क्रिकेट टीम में डेब्यू के बाद महेंद्र सिंह धोनी के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए राज्य की तत्कालीन अर्जुन मुंडा सरकार ने उन्हें नि:शुल्क जमीन आवंटित करने का निर्णय लिया था. सरकार के फैसले के आलोक में झारखंड राज्य हाउसिंग बोर्ड ने 23 फरवरी, 2006 को ऑर्डर नंबर 380 के जरिए उन्हें रांची की हरमू हाउसिंग कॉलोनी में एचआईजी 10/ए प्लॉट आवंटित किया था. इस प्लॉट का क्षेत्रफल 5,002 वर्ग फुट है.