राम तेरी गंगा मैली या बॉबी नहीं यह सुपरफ्लॉप फिल्म थी राज कपूर के दिल के बेहद करीब, बनाने में हो गए थे पूरी तरह दिवालिया

राज कपूर  एक्टर ही नहीं  निर्देशक भी बेहतरीन थे. अपने करियर में उन्होंने कई कालजयी  फिल्में बनाई.  उनकी कुछ सबसे लोकप्रिय फिल्में हैं  आवारा (1951), श्री 420 (1955), जिस देश में गंगा बहती है (1960), मेरा नाम जोकर (1970), और बॉबी (1973), जो आज भी पसंद की जाती हैं.  इन फिल्मों की कहानियों ने दर्शकों के दिलों को गहराई से छुआ. लव- रोमांस और सामाजिक मुद्दों पर आधारित ये  फिल्में खूब पसंद की गई. कई हिट फिल्मों में से एक फिल्म उनके दिल के बेहद करीब रही, जिसका नाम है – मेरा नाम जोकर.

मेरा नाम जोकर को वह व्यावसायिक सफलता नहीं मिली, जिसकी राज कपूर ने उम्मीद की थी. वास्तव में, यह उनके करियर की सबसे बड़ी असफलताओं में से एक बन गई. इस फिल्म ने  उन्हें व्यक्तिगत और आर्थिक रूप से तबाह कर दिया. 1970 में रिलीज़ हुई, मेरा नाम जोकर राज कपूर के लिए एक बड़ा वित्तीय जुआ था. इसके लिए उन्होंने बैंक से लोन लिया  था और अपनी सारी जमा पूंजी लगा दिया था.  बॉक्स ऑफिस पर फिल्म की असफलता के कारण न केवल वह  दिवालिया हो गए, बल्कि बतौर एक्टर उन्हें ऊंचाई पर ले जाने वाले फिल्म का सपना भी टूट गया. 

दूरदर्शन के साथ एक इंटरव्यू में जब उनसे उनकी पसंदीदा फिल्म के बारे में पूछा गया, तो राज कपूर ने मेरा नाम जोकर के प्रति अपने लगाव की  तुलना एक मां और उसके बच्चों से की, और इस बात पर जोर दिया कि उनकी बनाई हर फिल्म खास थी, चाहे वह सफल हो या असफल.

मेरा नाम जोकर 1970 में रिलीज़ हुई थी और इसमें राज कपूर खुद अपने बेटे ऋषि कपूर दिखे थे. सिमी ग्रेवाल, मनोज कुमार, धर्मेंद्र और पद्मिनी जैसे जाने-माने  स्टारकास्ट से सजी इस फिल्म में  एक ऐसे जोकर की कहानी दिखाई गई थी, जिसकी ज़िंदगी में भूमिका दूसरों को हंसाना है. भले ही वह खुद के दुख की कीमत पर ही क्यों न हो. पूरी फिल्म में, तीन महिलाएं नायक के जीवन को आकार देती हैं, जिनमें से प्रत्येक उसकी भावनात्मक यात्रा के एक अलग अध्याय का प्रतिनिधित्व करती है. यह फिल्म भारतीय सिनेमा की सबसे लंबी फिल्मों में से एक थी. 
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top