”विकलांगता और विकृतियां पिछले जन्मों में किए गए बुरे कर्मों का परिणाम हैं.” चेन्नई के एक सरकारी स्कूल में एक आध्यात्मिक वक्ता ने यह विवादास्पद बयान दिया. इस बयान को लेकर ने विवाद होने पर पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है. एनजीओ परमपोरुल फाउंडेशन के संस्थापक ‘महाविष्णु’ ने हाल ही में एक सरकारी स्कूल में यह टिप्पणी की थी. वहां उन्हें एक प्रेरक भाषण देने के लिए आमंत्रित किया गया था.
एक वीडियो में महाविष्णु एक दिव्यांग शिक्षक से बहस करते हुए भी दिखाई दिए. इस शिक्षक ने विकलांगता पर उनकी टिप्पणी पर आपत्ति जताई थी. आध्यात्मिक वक्ता शनिवार को ऑस्ट्रेलिया से लौटे, जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया.
एनडीटीवी वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है. इस वीडियो के वायरल होने के बाद दिव्यांगों के लिए काम करने वाले कई समूहों ने महाविष्णु के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और सख्त कार्रवाई की मांग की.
तमिलनाडु सरकार ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं. जिन दो सरकारी स्कूलों में महाविष्णु ने उक्त बात कही थी, उनके प्रिंसिपलों का तबादला कर दिया गया है.
शिक्षा मंत्री ने कहा- सख्त कार्रवाई करेंगे
राज्य के शिक्षा मंत्री अंबिल महेश पोय्यामोयजी ने कहा कि स्कूल ऐसा स्थान होना चाहिए जहां वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा दिया जाए, न कि अंधविश्वास को. उन्होंने कहा कि, “यह कैसे हुआ, हम स्थानीय अधिकारियों से रिपोर्ट मिलने के बाद सख्त कार्रवाई करेंगे.”
शिक्षक के साथ वक्ता द्वारा दुर्व्यवहार किए जाने के बारे में सवाल पूछने पर पोय्यामोयझी ने कहा कि महाविष्णु के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
शुक्रवार को महाविष्णु ने कहा था कि वह छिप नहीं रहे हैं और उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है. उन्होंने कहा था कि ऑस्ट्रेलिया से लौटने के बाद वह चेन्नई हवाई अड्डे पर सभी आरोपों का जवाब देंगे.
शहर पुलिस ने जांच के लिए महाविष्णु को हिरासत में ले लिया. इसके बाद उनकी टीम के एक सदस्य ने उनकी ओर से माफी मांगी और कहा कि वक्ता का कभी भी दिव्यांगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं हो सकता.