उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में तीन तलाक का एक मामला (Moradabad Triple Talaq Case) सामने आया है, जहां पर एक युवक ने अपनी पत्नी को महज इसलिए तलाक दे दिया क्योंकि उसने संभल हिंसा (Sambhal Violence) का एक वीडियो देखकर पुलिस के काम की तारीफ की थी. यह मामला शहर के कटघर थाना क्षेत्र के पॉश इलाके लाजपत नगर का है. महिला ने इस मामले में एसएसपी मुरादाबाद से शिकायत की है, जिसके बाद एसएसपी ने पूरे मामले को बेहद गंभीर माना और मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
मुरादाबाद की रहने वाली निदा ने अपने पति एजाजुल के खिलाफ तीन तलाक देने के लिए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. साथ ही कहा, “कोई वजह ही तो नहीं थी, बिना वजह के तलाक दिया है.”
क्या हुआ था उस दिन? निदा ने बताया
निदा ने दोनों के बीच हुए झगड़े के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा, “मैं एक वीडियो देख रही थी क्योंकि मुझे एक शादी के लिए संभल जाना था. मुझे कुछ निजी काम भी था. इसलिए मैं देख रही थी कि क्या वहां जाना सुरक्षित है. वीडियो देखते हुए मैंने कहा कि हर किसी को अपना बचाव करने का अधिकार है.”
निदा ने बताया, “यह सुनकर उसने कहा कि तुम मुस्लिम नहीं हो, तुम काफिर हो. तुम पुलिस वालों का साथ देती हो. उसने मेरे साथ बदतमीजी की और कहा कि जा मैं तुझे अब नहीं रखूंगा. तू चाहे कुछ भी कर ले और मुझे तीन तलाक दे दिया और कहा कि अब तेरा-मेरा कोई वास्ता नहीं है.” निदा और एजाजुल की शादी को 17 दिसंबर को तीन साल पूरे होने वाले थे.
मुरादाबाद के एसपी सिटी रणविजय सिंह ने कहा, “एक महिला ने अपने पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है कि वह संभल से संबंधित एक यूट्यूब वीडियो देख रही थी, जिसके कारण दंपति के बीच झगड़ा हुआ. पति ने उसे वीडियो न देखने के लिए कहा और जब वह नहीं मानी तो उसने तीन तलाक कहकर के शादी तोड़ दी.”
SC ने लगाई थी ‘तीन तलाक’ पर रोक
‘तीन तलाक’ की विवादास्पद प्रथा को 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबंधित कर दिया था. यह प्रथा मुस्लिम पुरुषों को तीन बार ‘तलाक’ कहकर अपनी पत्नियों को तुरंत तलाक देने की अनुमति देती थी. सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक बताया था.
इसके बाद 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने मुस्लिम व्यक्ति के अपनी पत्नी को तुरंत तलाक देने के सदियों पुराने अधिकार को गैरकानूनी घोषित करने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी थी.
संभल हिंसा में 4 की मौत, कई घायल
संभल में अदालत के आदेश पर 19 नवंबर को शाही जामा मस्जिद का पहली बार सर्वेक्षण हुआ था. 24 नवंबर को मस्जिद का दोबारा सर्वेक्षण किये जाने के दौरान हिंसा भड़क उठी थी.
प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प में चार लोगों की मौत हो गई थी और अन्य कई लोग घायल हो गए थे. पुलिस ने बताया कि घटना में कुल 29 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.