Krishna Janmashtami 2024: श्रीकृष्ण जन्मस्थान मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की सबसे हटकर छटा देखने को मिलती है. इस पर्व की विशेष धार्मिक मान्यता है और भक्त पूरे मनोभाव से इस दिन श्रीकृष्ण की पूजा-आराधना करते हैं. इस साल 26 अगस्त, सोमवार के दिन जन्माष्टमी मनाई जा रही है. पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर जन्माष्टमी मनाई जाती है. जन्माष्टमी के अवसर पर राधा-कृष्ण चंद्रवंश की सोम चंद्रिका पोशाक धारण करने वाले हैं. इस पोशाक की क्या खासियत है और कैसे दिखेंगे भगवान, जानें यहां.
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श्रीकृष्ण की सोम चंद्रिका पोशाक | Shrikrishna Som Chandrika Poshak
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर श्रीराधाकृष्ण सोम चंद्रिका पोशाक धारण किए नजर आने वाले हैं. इस पोशाक के साथ ही श्रीकृष्ण नवरत्न जड़ित स्वर्ण कंठा धारण किए दिखेंगे. इस पोशाक को दिव्य माना जाता है और यह पोशाक 25 अगस्त को होने वाली शोभयात्रा में ठाकुरजी के समक्ष अर्पित की जाएगी. शोभयात्रा भव्य होती है. इस शोभयात्रा में घंटे-घड़ियालों के साथ मृदंग और डमरू की ध्वनि कानों में पड़ती है.
जन्माष्टमी पर गर्भग्रह में विराजमान चतुर्भुज नारायण के श्रीविग्रह की पोशाक भी बेहद विशिष्ट होने वाली है. इस पोशाक पर जरजोदी का कार्य, रेशम, जरी और रत्न आदि जड़े होंगे और साथ ही वस्त्र सिल्क का होगा जिसपर यह सारा काम होने वाला है. ठाकुरजी को जन्माष्टमी पर विशेष रूप से सजाया जाएगा. श्रीकृष्ण दिव्य मुकुट धारण किए नजर आएंगे और भक्तों को दर्शन देंगे.
ऐसे की जाएगी जन्माष्टमी की पूजा
जन्माष्टमी के अवसर 26 अगस्त की सुबह शहनाई और नगाड़ों से श्रीकृष्ण की मंगला आरती की जाएगी. आरती सुबह साढ़े पांच बजे के करीब होगी. सुबह 8 बजे भगवान श्रीकृष्ण का पंचामृत से अभिषेक किया जाएगा. इसके बाद नौ बजे के करीब पुष्पांजलि और जन्माष्टमी का कार्यक्रम होगा. यह कार्यक्रम अलौकिक दिखाई पड़ता है. श्रीकृष्ण जन्म महाभिषेक रात के समय 11 बजे श्रीगणेष-नवग्रह पूजन के साथ आरंभ होगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)