हाथरस हादसा: चीखें, आंसू, बच्चों को अस्पताल लेकर भागते पुलिस वाले… जिसने देखा, कलेजा कांप गया

ट्रेक्टर की ट्रॉली में शव रखे हुए हैं… इनके बीच संभवत: अपनी मां की चुनरी से ढंका हुआ एक तीन-चार साल का मासूम बच्चा भी है, जो निश्चित ही जब अपनी मां के साथ सफर पर निकला होगा तो उत्साह से भरा होगा… वह गाड़ी की खिड़की से गुजरते जंगल-मैदान और सड़क को निहार भी रहा होगा… उसे क्या होगा कि छोटी सी जिंदगी में वह इस दुनिया को अंतिम बार निहार रहा है… हाथरस में हुए हादसे में सिर्फ इस एक बच्चे ने नहीं, बल्कि इसी तरह के चार बच्चों ने असमय जिंदगी को अलविदा कह दिया. 

हथरस जिले से गुजरते आगरा-अलीगढ़ बाईपास रोड पर मीतई गांव के पास सड़क के जिस तरफ चकनाचूर मैक्स लोडर वाहन पड़ा था उसी तरफ उससे कुछ आगे उत्तर प्रदेश परिवहन की एसी बस ‘जनरथ’ आधी सड़क पर, आधी सड़क से बाहर खड़ी थी. बस के सामने का हिस्सा टूटा हुआ था. दोनों वाहनों के आसपास मौत का मंजर था. कोई रो रहा था…कोई होश खो चुका था.. तो कोई हमेशा के लिए सो चुका था… सड़क के बीच में औंधा पड़ा एक व्यक्ति, जो कि बस का ड्राइवर बताया जा रहा है, भी चिर निद्रा में लीन था.. उसके आसपास खून फैला था… उसकी शर्ट देखकर यह कहना मुश्किल था कि उसकी शर्ट लाल ही है, या फिर मौत रंगरेज भी बन गई..?

अस्पताल में बच्चों, महिलाओं को लेकर भागते पुलिस कर्मी और स्वास्थ्य कर्मचारी पूरी कोशिश कर रहे थे कि उन्हें समय पर इलाज मिल जाए.. जो बच सकता है, बच जाए… अस्पताल में घायलों में से कोई बेहोश पड़ा था, कोई लंबी सांसें भर रहा था… चीखों के बीच डॉक्टर इलाज में जुटे हुए थे… कई परिजन अपनों को खोकर ‘लुटे’ हुए थे… अस्पताल के बाहर से अंदर के लिए स्ट्रेचरों पर घायलों को लाने का सिलसिला जारी था… 
          
घटना के प्रत्यक्षदर्शी आगरा के सुधीर गुप्ता के मुताबिक यह हादसा यूपी परिवहन की बस के मैक्स लोडर को पीछे से टक्कर मारने के कारण हुआ. यह टक्कर तब हुई जब बस के ओवरटेक करने के दौरान सामने से दूसरा वाहन आ गया. उनके अनुसार मैक्स में 30 से 35 लोग थे. उन्होंने अनुमान जताया कि हादसे में 12 से 14 लोगों की मौत हुई है और आठ से नौ लोग घायल हुए हैं. हालांकि अब तक 12 लोगों की मौत होने की पुष्टि हुई है.

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