पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता प्रकाश जावड़ेकर ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों पर कहा कि, हिंडनबर्ग एक शॉर्ट सेलर कंपनी है, जिसकी विश्वसनीयता कुछ नहीं होती. वह अपने फायदे के लिए आरोप लगाते हैं. उन्होंने अनेक देशों के लोगों पर आरोप लगाए जिसकी कोई सच्चाई नहीं निकली. ऐसी संस्था पर विश्वास करना कांग्रेस और विपक्षी दलों का दिवालियापन है.
जावड़ेकरक ने कहा कि, साफ है कि कुछ विदेशी ताकतें जानबूझकर लगातार प्रयास कर रही हैं, और मुझे लगता है कि हिंडनबर्ग और कांग्रेस दोनों एक ही विचार से काम कर रहे हैं, आरोप लगाओ, भाग जाओ..झूठ निकले, दूसरा आरोप लगाओ..वह भी झूठ निकले तो तीसरा आरोप लगाओ…एक अस्थिरता पैदा करना है. यही उनकी मंशा है.
उन्होंने कहा कि, हरीश साल्वे ने जब इस मैटर पर आर्गुमेंट किया था तब उन्होंने यह कहा था कि हिंडनबर्ग को मालूम था कि आरोप लगाने के बाद रिएक्शन शेयर मार्केट में होगा, तो कीमत घटती है तो उसका फायदा उठाना है और बाद में बढ़ती है तो उसका भी फायदा उठाना है. उन्होंने यही कहा था कि सभी रिकार्ड अपने पास है, देखिए किसको फायदा हुआ. प्राइज गिरने और बाद में चढ़ने का, दोनों बार फायदा किसको हुआ?
उन्होंने कहा कि, हिंडनबर्ग केवल एक शॉर्ट सेलर कंपनी है, जिसकी विश्वसनीयता कुछ नहीं होती. वह अपने फायदे के लिए आरोप लगाते हैं. उन्होंने अनेक देशों के लोगों पर आरोप लगाए जिसकी कोई सच्चाई नहीं निकली. ऐसी संस्था पर विश्वास करना कांग्रेस और विपक्षी दलों का दिवालियापन है.
उन्होंने कहा कि, बार-बार सर्वे आते हैं, विभिन्न प्रकार की रिपोर्ट आती हैं, बार-बार यह क्या प्रयास हैं? जब अधिवेशन (संसदीय सत्र) है तब यह आते हैं, जब अधिवेशन नहीं है, तब भी आते हैं. यह प्रयास है कि भारत की छवि धूमिल हो, भारत की तरक्की कमजोर हो, उसको ब्रेक लगे. इसके लिए यह सारे प्रयास हो रहे हैं.
जावड़ेकर ने कहा कि, कांग्रेस के नेता क्या कह रहे हैं, बांग्लादेश जैसी स्थिति होगी. अपने देश के लिए क्या कह रहे, यह भी नहीं समझ रहे या जा जानबूझकर कह रहे. चीन जैसी भाषा बोलते हैं. इनके भाषणों की पाकिस्तान में बहुत प्रशंसा होती है. हिंडनबर्ग और कांग्रेस दोनों के सुर मिले हैं.