भले ही कोरोना के बाद हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट के मामले बढ़े हैं लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया भर में 100 साल की उम्र तक पहुंचने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है. 2000 में, दुनिया भर में 151,000 सौ साल से ज़्यादा उम्र वाले लोग थे, जो 2021 में तीन गुना बढ़कर 573,000 हो गए, जो जीवन प्रत्याशा में बढ़ोतरी को और उजागर करता है. इतने सारे नागरिक अपने बुढ़ापे तक जीने लगे हैं, ऐसे में 100 साल की उम्र तक पहुंचने में योगदान देने वाले कारकों को समझना अहम हो जाता है.
सौ से ज़्यादा उम्र वाले लोगों को अक्सर सफल उम्र बढ़ने के उदाहरण के रूप में माना जाता है, आम तौर पर उन्हें पुरानी बीमारियां कम होती हैं और वे 90 साल में भी स्वस्थ रहते हैं. हालांकि इसमें आनुवंशिकी की भूमिका होती है, लेकिन सफल उम्र बढ़ने का 60 प्रतिशत से ज़्यादा हिस्सा हेल्दी लाइफस्टाइल (Healthy Lifestyle) पर निर्भर करता है.
वर्ष 2000 से प्रकाशित 34 स्डटी के जरिए हाल ही में एक सिस्टेमैटिक रिव्यू सामने आया, जिसका शीर्षक है “दुनिया भर में सौ वर्ष से अधिक आयु वाले और सौ वर्ष से कम आयु वाले लोगों के बीच आहार और दवा के उपयोग की एक व्यवस्थित समीक्षा”. इस रिव्यू रिपोर्ट में लंबी उम्र की चार अहम वजह बताए गए हैं.
1. संतुलित आहार
सौ वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों के लिए सामान्य आहार में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है, जो उनके सेवन का 57%-65% होता है, जिसमें मध्यम प्रोटीन और वसा होता है. उनके आहार में मुख्य खाद्य पदार्थ, फल, सब्जियां और लीन प्रोटीन होते हैं और इसमें मछली और फलियां शामिल होती हैं. उनके कम नमक का सेवन WHO की सिफारिशों के अनुरूप है.
2. कम दवा का उपयोग
सौ वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों को जीवन में बाद में पुरानी बीमारियां होती हैं और वे गैर-शताब्दी आयु वाले लोगों की तुलना में कम दवाएं लेते हैं. दवा के उपयोग की यह कम दर दवाओं के साइड इफेक्ट की कम संभावनाओं के साथ बेहतर ओवरऑल हेल्थ की ओर इशारा करती है.
3. अच्छी नींद
लंबी नींद अच्छी नींद से जुड़ी होती है और 68% सौ वर्ष से अधिक आयु वाले लोग अपनी नींद से ‘संतुष्ट’ हैं. आदर्श नींद की अवधि सात से आठ घंटे है. अच्छी नींद को समग्र स्वास्थ्य के लिए बहुत अहम बताया गया है.
4. ग्रामीण जीवन
सभी सौ साल से ज़्यादा उम्र के 75% से ज़्यादा लोग ग्रामीण इलाकों में रहते हैं, जिनमें से कुछ में प्रकृति के संपर्क में रहना शामिल है, जैसे तनाव कम होना और पुरानी बीमारियों के प्रति कम संवेदनशीलता.
हालांकि ये अभ्यास इस बात की गारंटी नहीं देते हैं कि कोई व्यक्ति 100 साल तक जीवित रहेगा, लेकिन वे सामान्य रूप से किसी के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और दीर्घायु होने की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं.