Delhi Doctor Murder Mystery: दक्षिण दिल्ली (South Delhi) के जंगपुरा में इस साल मई में एक प्रमुख डॉक्टर की हत्या के मास्टरमाइंड ने फरार रहने के दौरान कम से कम आठ मोबाइल फोन और 20 सिम कार्ड बदल लिए. पुलिस ने बताया कि उसने भारत-नेपाल सीमा तक 1,600 किलोमीटर तक उसका पीछा किया, जहां उन्होंने आखिरकार आरोपी विष्णुस्वरूप शाही को पकड़ लिया. पुलिस ने कहा कि विष्णुस्वरूप शाही ने छह बार अपना नाम बदला और जहां भी गया, फर्जी पहचान पत्रों का इस्तेमाल किया. उसके पास से विष्णु स्वरूप शाही, शक्ति साई, सत्य साई, सूर्य प्रकाश शाही, गगन ओली और कृष्णा शाही नामों के कागजात मिले.
पुलिस ने बताया कि जब उसे गिरफ्तार किया गया तब वह अपनी पहचान ‘गगन ओली’ बता रहा था.
63 वर्षीय डॉक्टर योगेश चंद्र पॉल (Yogesh Chandra Paul) को उनके जंगपुरा (Jangpura) स्थित घर में मृत पाया गया था. इस घर में वह अपनी पत्नी के साथ रहते थे.उनका शव रसोई में पाया गया था. कमरों में तोड़फोड़ के निशान थे, जो डकैती का इशारा कर रहे थे. अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त संजय सेन ने कहा कि आरोपियों ने डॉक्टर की हत्या करने से पहले घर में लूटपाट की. पुलिस ने घर के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों में कई अन्य आरोपियों को देखा, जिससे एक से अधिक आरोपियों की संलिप्तता साबित हुई.
ऐसे पता चला
घरेलू सहायिका बसंती और दो अन्य आकाश और हिमांशु जोशी को जांच के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि मास्टरमाइंड विष्णुस्वरूप शाही और उसके चार सहयोगी फरार थे. डीसीपी ने बताया कि अपराध शाखा ने मामले को अपने हाथ में लेने के बाद मास्टरमाइंड की तलाश शुरू की. इस दौरान विष्णुस्वरूप शाही के कुछ पुराने मोबाइल नंबर मिले. सेन ने कहा कि अपराध शाखा ने कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) का आधे महीने तक विश्लेषण किया, तब पता चला कि आरोपी नए नंबरों का इस्तेमाल कर रहे थे.
हिमाचल से भागा देहरादून
पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी कि विष्णुस्वरूप शाही हिमाचल प्रदेश की सुकेत घाटी में छिपा हुआ है, जहां से उसकी नेपाल भागने की योजना है. हिमाचल प्रदेश में पुलिस के ठिकाने पर पहुंचने से पहले ही वह देहरादून भाग गया. वहां से उसने भारत-नेपाल सीमा की ओर जाते हुए एक बस ली. पुलिस ने 24 घंटे तक 1,600 किलोमीटर तक उसका पीछा किया और आज सुबह सीमा के पास उसे गिरफ्तार करने में कामयाब हासिल कर ली.
घरेलू सहायिका भी शामिल
पुलिस ने कहा कि मृतक डॉक्टर की घरेलू सहायिका ने विष्णुस्वरूप शाही को डॉक्टर के घर में रखे नकदी और आभूषणों के एक बड़े ढेर के बारे में बताया, जिसके बाद मास्टरमाइंड ने डॉक्टर को मारने की योजना बनाई. उसके सहयोगी भीम जोरा और अन्य लोग डकैती और हत्या की योजना बनाने में शामिल थे. भीम जोरा की पत्नी को भी विष्णुस्वरूप शाही ने हत्या की योजना बनाने में लिया था.