कर्नाटक के कोडागु जिले में तीन सप्ताह पहले (8 अक्टूबर) एक कॉफी बागान में एक व्यक्ति का जला हुआ शव मिला था. पुलिस को शव की पहचान तक करना मुश्किल हो रहा था. लंबी जांच के बाद पुलिस को पता चला कि शव 54 वर्षीय व्यवसायी रमेश का था, जो कि कुछ सप्ताह पहले लापता हो गया था. पुलिस ने जब आगे की जांच की तो पाया कि रमेश की पत्नी निहारिका ने हत्या को अंजाम किया है. निहारिका ने अपने प्रेमी निखिल और एक अन्य आरोपी अंकुर के साथ मिलकर पति की हत्या की साजिश रची. पुलिस ने इन तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
पुलिस ने आरोपियों तक पहुंचने के लिए इलाके में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू किया. इस दौरान एक लाल मर्सिडीज बेंज ने उनका ध्यान खींचा. यह कार रमेश के नाम से पंजीकृत पाई गई थी. जिसकी पत्नी ने हाल ही में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी. पुलिस को रमेश की पत्नी निहारिका पी (29) की भूमिका पर संदेह हुआ.
पुलिस ने संदेह के आधार पर निहारिका को हिरासत में लिया. पूछताछ के दौरान उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया और बताया कि उसने अपने प्रेमी निखिल और अंकुर के साथ मिलकर अपने पति की हत्या की है. पुलिस ने पाया कि निहारिका का बचपन परेशानियों भरा रहा था. जब वह 16 साल की थी, तब उसके पिता की मृत्यु हो गई और उसकी मां ने दूसरी शादी कर ली.
निहारिका पढ़ाई में तेज थी, उसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी भी की थी. उसने कम आयु में ही शादी कर ली थी. वहीं इस शादी से उसे बच्चा भी हुआ. हालांकि आगे जाकर उसकी शादी टूट गई.
हरियाणा में रहते हुए वित्तीय धोखाधड़ी के मामले में निहारिका को जेल जाना पड़ा था. जेल में उसकी मुलाकात अंकुर से हुई. जेल से बाहर आने के बाद निहारिका ने रमेश से शादी कर ली. यह उसकी दूसरी शादी थी. रमेश से शादी के बाद निहारिका की किस्मत चमक गई.
पति से मांगे 8 करोड़ रुपये
एक दिन उसने अपने पति से 8 करोड़ रुपये मांगे. रमेश ने पैसे देने से मना कर दिया. जिससे निहारिका नाराज हो गई. निहारिका का निखिल से अफेयर चल रहा था. उसने रमेश की संपत्ति हड़पने के लिए उसकी हत्या की साजिश रची. व्यवसायी की 1 अक्टूबर को हैदराबाद के उप्पल में गला घोंटकर हत्या कर दी गई. वे उप्पल से 800 किमी से अधिक दूर कोडागु जाकर शव को एक कॉफी एस्टेट में ठिकाने पर लगा दिया.
500 सीसीटीवी कैमरे खंगाले
कोडागु पुलिस प्रमुख रामराजन ने कहा कि यह एक चुनौतीपूर्ण मामला था. क्योंकि सब कुछ पूरी तरह से नष्ट हो गया था. शिकायत दर्ज होने से 3-4 दिन पहले शव को जला दिया गया था. हमारी अपराध टीम ने क्षेत्र में संदिग्ध गतिविधियों की जांच शुरू की. जांच में पाया गया कि 12 बजे से 2 बजे के बीच क्षेत्र में एक वाहन संदिग्ध रूप से घूम रहा था. हमने सीसीटीवी फुटेज की जांच की, लेकिन रात होने के कारण तस्वीरें साफ नहीं आईं. हमने तुमकुर तक 500 सीसीटीवी कैमरों से फुटेज की जांच की. हम तेलंगाना के एक वाहन का पता लगाने में सक्षम थे जो रमेश नामक एक व्यवसायी का था.
हमारी जांच के आधार पर हमने कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान 29 वर्षीय निहारिका और 28 वर्षीय पशु चिकित्सक निखिल के रूप में हुई है. निहारिका मुख्य संदिग्ध थी. उसने पुलिस हिरासत में अपना जुर्म कबूल कर लिया.