हिंदी सिनेमा में अगर पर्दे पर उठते दर्द को देख आपकी भी आंखों में आंसू भर आते हैं, तो आप जरूर मीना कुमारी के फैन होंगे. जिनकी अदायगी में इतनी नेचुरलिटी थी कि पर्दे से दर्शकों के दिल तक दर्द पहुंचता था. शायद इसलिए उनका नाम पड़ा ट्रेजेडी क्वीन. बेपनाह हुस्न की मल्लिका, बेहिसाब नजाकत और गहरी आंखों में डूबने को मजबूर करते जज्बात, मीना कुमारी ने पचास से साठ के दशक के बीच बॉलीवुड का शानदार दौर देखा. काम के साथ और अपने सहयोगी के साथ मोहब्बत भी हुई. लेकिन जितना प्यार दर्शकों से मिला असल जिंदगी में इश्क उतना मुकम्मल न हो सका.
मीना कुमारी के पिता का नाम था अली बख्श, जो पाकिस्तान में संगीत की शिक्षा देते थे. वो उर्दू के कवि भी थे. उनकी मां प्रभावती देवी रंगमंच किया करती थीं. शादी के बाद दिन पर दिन मीना कुमारी के परिवार के हालात खराब होते गए. हालात ये हुए कि मीना कुमारी के जन्म के वक्त, डिलीवरी के लिए परिवार के पास पैसे तक नहीं थे.
घर के खस्ताहाल देखते हुए परिवार ने चार साल की नन्हीं सी उम्र में ही मीना कुमारी को फिल्मों में काम करने भेज दिए. मीना कुमारी की पढ़ाई छुड़वा दी गई और घर चलाने का जिम्मा उनके हिस्से आ गया. बेबी मीना के नाम से मीना कुमारी छोटी सी उम्र से ही फिल्मों में फेमस हो गईं. उन्हें काम भी मिलने लगा और उनकी कमाई पर घर की गाड़ी चल पड़ी.
बचपन के दिन बीते और मीना कुमारी ने जवानी की दहलीज पर कदम रखा, उनकी खूबसूरती और अदायगी को देखते हुए उन्हें लीड एक्ट्रेस का रोल मिलने लगा. 1952 में रिलीज हुई बैजू बावरा में बेबी मीना, मीना कुमारी के नाम से पर्दे पर नजर आईं.
मीना कुमारी के लाखों फैन्स थे. जिसमें से एक थे राज कुमार. कहा जाता है कि राजकुमार उस वक्त मीना कुमार के जबरदस्त दीवाने थे. पाकीजा फिल्म के दौरान मीना कुमारी को सामने देखकर वो अपने डायलॉग ही भूल जाया करते थे.
हालांकि मीना कुमारी के लिए ये दीवानगी कमाल अमरोही को बहुत खलती थी. पाकीजा के डायरेक्टर कमाल अमरोही से ही मीना कुमारी की शादी हुई थी. लेकिन ये एक खुशनुमा रिश्ता नहीं रहा. शादी के बाद मीना कुमारी के दिन बहुत मुश्किलों में गुजरे. मीना कुमारी के फेम से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा है. वो कमाल अमरोही के साथ कहीं जा रही थी. बीच रास्ते में उन्हें डाकुओं ने घेर लिया. लेकिन लूटने की जगह डाकू मीना कुमारी को देखता ही रह गया. वो डाकू मीना कुमारी के फैन थे जिन्होंने फिर उनकी खूब खातिरदारी की.