प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्वाड शिखर सम्मेलन के मंच से चीन को साफ-साफ संदेश दिया कि ये सामरिक समूह उसके खिलाफ नहीं है. चीन कई बार क्वाड पर सवाल उठाता रहा है. पीएम मोदी ने क्वाड के मंच पर कहा कि हम किसी के खिलाफ नहीं हैं . ये चीन को एक बड़ा संदेशा है, क्योंकि कई बार बीजिंग की ओर से कहा जाता रहा है कि क्वाड देश उसके खिलाफ खड़े, तनाव पैदा कर रहे हैं. क्वाड सामरिक समूह पर चीन इसके अलावा भी कई सवाल उठाता रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने चीन को साफ-साफ संदेश दिया है कि इस समूह के देश उसके खिलाफ नहीं है.
PM मोदी ने बताया QUAD का मूल मकसद
दरअसल, चीन, भारत के एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत के बढ़ते कद से बेचैन है. इसके अलावा पीएम मोदी ने जो समावेशी, लचीले एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता जताई, उससे उन्होंने चीन जैसे देशों को बताने की कोशिश की कि क्वाड का मूल मकसद क्या है. साथ ही साथ हेल्थ, सिक्योरिटी, क्लाइमेट चेंज और केपसिटी बिल्डिंग जैसे मुद्दों को लेकर यह समूह आगे बढ़ता है, उस पर प्रधानमंत्री मोदी ने फोकस किया है.
अमेरिका ने किया भारत के दावे का समर्थन
इसके आलावा प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता से एक बात यह निकल कर आई है कि बाइडेन ने भारत के उस दावे का समर्थन किया है कि यूएनएससी का रिफॉर्म होना चाहिए. भारत कहता रहा है कि मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए इस ग्रुप में बदलाव की जरूरत है. भारत को संयुक्त राष्ट्र का स्थायी सदस्य होना चाहिए. ये मौजूदा दौर की मांग है.
चीन QUAD पर लगाता रहा है ये आरोप
चीन ने हाल ही में अमेरिका और भारत समेत चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद (क्वाड) समूह के देशों पर एशिया प्रशांत क्षेत्र में अन्य देशों के विकास को ‘रोकने’ के लिए ‘कृत्रिम रूप से तनाव पैदा करने’ और ‘टकराव भड़काने’ का आरोप लगाया था. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों के संयुक्त बयान पर उनकी प्रतिक्रिया पूछे जाने पर संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि क्वाड ‘अन्य देशों का विकास रोकने के लिए कृत्रिम रूप से तनाव पैदा कर रहा है और टकराव को भड़का रहा है.’ लिन ने कहा कि यह एशिया-प्रशांत में शांति एवं विकास और स्थिरता की वैश्विक प्रवृत्ति के खिलाफ है.