झारखंड विधानसभा चुनावों के लिए पहले चरण की वोटिंग 13 नवंबर और दूसरे चरण की वोटिंग 20 नवंबर को होनी है. इसको लेकर सरगर्मी बढ़ गई है. महागठबंधन और एनडीए ने लगभग सभी सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. झारखंड विधानसभा चुनाव में ‘विरासत की सियासत’ के नए रंग दिखेंगे. इस चुनाव में मौजूदा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और चंपई सोरेन तक अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इसके अलावा कई अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटा,बहू,पत्नी भी इस चुनाव में प्रत्याशी बनाए गए हैं. देखिये रांची से हरिवंश शर्मा की ये रिपोर्ट
झारखंड के तीन बार मुख्यमंत्री रहे शिबू सोरेन के परिवार के कई सदस्य इस चुनाव में उतरे हैं. उनके बेटे और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बरहेट विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. हेमंत भी तीन बार झारखंड की शीर्ष सत्ता तक पहुंच चुके हैं. मुख्यमंत्री हेमंत की पत्नी कल्पना सोरेन को झारखंड मुक्ति मोर्चा ने गांडेय सीट से टिकट दिया है. शिबू सोरेन परिवार के दो और सदस्य भी चुनाव लड़ रहे हैं. शिबू सोरेन के बेटे और मुख्यमंत्री हेमंत के भाई बसंत सोरेन दुमका से झामुमो के टिकट पर मैदान में हैं वहीं शिबू सोरेन की बहू सीता सोरेन जामताड़ा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की उम्मीदवार हैं.
राज्य के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी धनवार सीट से बीजेपी के प्रत्याशी हैं. मरांडी फिलहाल झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पद पर हैं. झारखंड के तीन बार मुख्यमंत्री रहे अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा बीजेपी के टिकट पर पोटका सीट से चुनाव लड़ रही है. वही पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा को बीजेपी ने जगन्नाथपुर से प्रत्याशी बनाया है. पूर्व सीएम और चार दशकों तक झामुमो के दिग्गज नेताओं में शुमार रहे चंपई सोरेन को बीजेपी ने सरायकेला विधानसभा से टिकट दिया है जबकि उनके बेटे बाबूलाल सोरेन को घाटशिला विधानसभा से मैदान में उतारा गया है. गौरतलब है की पूर्व सीएम चंपई सोरेन 30 अगस्त 24 को झारखण्ड मुक्ति मोर्चा छोड़कर अपने पुत्र बाबूलाल सोरेन के साथ बीजेपी में शामिल हुए थे.
झारखंड के 24 साल के इतिहास में एक ही मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने पूरे पांच साल सरकार चलाई है और वो हैं रघुबर दास. उनकी बहू पूर्णिमा दास साहू को भाजपा ने जमशेदपुर पूर्व से प्रत्याशी बनाया है. 2014 से 2019 तक झारखंड की सत्ता संभालने वाले रघुबर दास अभी ओडिशा के राज्यपाल हैं. रांची से हरिवंश शर्मा की रिपोर्ट