Parenting Tips: पेरेंट्स को अपने बच्चों का खास ध्यान रखना जरुरी होता है. अगर उन्हें पढ़ाई पर फोकस न करवाया जाए तो बच्चे बिगड़ जाते हैं. स्कूल में बच्चा कैसा कर रहा है ये जानने के लिए पेरेंट्स टीचर्स मीटिंग (PTM) होती रहती है. जिसमें टीचर्स बच्चों को उनके हाल के बारे में बताते रहते हैं. पीटीएम को हल्के में नहीं लेना चाहिए. पेरेंट्स को हमेशा इस मीटिंग में जाना चाहिए ताकि उन्हें अपने बच्चे की शैतानी और पढ़ाई दोनों के बारे में पता चल जाए. कई बार ऐसा होता है कि पेरेंट्स टीचर की सिर्फ बात सुनकर चले जाते हैं उन्हें पता ही नहीं होता है कि टीचर्स से बच्चों को लेकर क्या सवाल पूछने हैं. या पूछते हैं तो एक-दो सवाल और उसके बाद घर वापस आ जाते हैं. घर आने के बाद याद आता है कि टीचर से ये पूछना चाहिए था. पर अब आपको परेशान होने की जरुरत नहीं है. हम आपको कुछ सवाल (Important Question) बताते हैं जो आपको पीटीएम में टीचर्स ने जरुर पूछने चाहिए. इससे आपको पता चल जाएगा आपका बच्चा पढ़ाई में कैसा है और कितनी शैतानी स्कूल में करता है.
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ये हैं कुछ जरुरी सवाल (These Are the Question)
1-मेरा बच्चा स्कूल में एक्टिवली पार्टिसिपेट करता है और क्लास में अपना ध्यान लगाता है?
2- मेरा बच्चा किस सब्जेक्ट में स्ट्रॉंग है और किस सब्जेक्ट में उसे अभी मेहनत करने की जरुरत है.
3-मेरा बच्चा स्कूल में कैसा बिहेवियरल करता है और बाकी बच्चों के साथ फ्रेंडली रहता है या नहीं.
4- बच्चे को किसी एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी में इंटरेस्ट है. वो किसमें पार्ट लेने के लिए सबसे आगे रहता है.
5- क्लास में वो अपनी चीजों का ध्यान रखता है या डेस्क पर ऐसे ही उसकी चीजें पड़ी रहती हैं.
6- बच्चा अगर पढ़ाई में वीक है तो उसके लिए अलग से ट्यूशन लगवाने की जरुरत है?
7-बच्चा क्लास में कुछ ऐसा तो नहीं करता जिसके बारे में हमे पता न हो और हमें उस बारे में जानने की जरुरत हो.
8- बच्चे की ग्रोथ के लिए हम उसकी किस तरह से हेल्प कर सकते हैं.
इस तरह के सवाल पूछकर आपको बच्चे के बारे में काफी चीजें पता चल जाएंगी. जो आप घर में उसके बारे में नोटिस करते हैं क्या वो स्कूल में भी वैसा करता है. जब दोनों चीजें एक-सी होंगी तो आपको आइडिया लग जाएगा कि उसे किस तरह से संभालना है और उसे ठीक करना है. क्योंकि बच्चे का बिहेवियरल जितना अच्छा होगा उसके लिए आगे चलकर उतना ही बेहतर होगा.
इसके अलावा बच्चों को आपको घर में कुछ चीजें सिखानी चाहिए जिससे वो स्कूल में फ्रेंडली रहें. सबसे पहले बच्चों को घर में अनुशासन सिखाएं. ये बच्चों के लिए बहुत जरुरी होता है. बच्चों की सही परवरिश के लिए उन्हें अनुशासन में रहना जरुर सिखाना चाहिए. जब बच्चा अपने काम खुद करेगा तो उसे समझ आएगा कि कैसे चीजें होती हैं.
बच्चों को डांटे नहीं (Never Scold Kids)
बहुत बार ऐसा होता है कि पीटीएम में जब बच्चे की शिकायत मिलती है तो पेरेंट्स घर आकर उसे खूब डांटते हैं और कई बार तो टीचर्स के सामने भी डांट पड़ जाती है तो बच्चे को अपमानित महसूस होता है. ऐसे में उसके दिमाग पर गलत असर पड़ता है. इस वजह से हमेशा बच्चे को टीचर्स के सामने कुछ न कहें. उन्हें घर पर आकर प्यार स समझाएं कि बेटा ऐसे नहीं करते हैं आपको क्लास में ध्यान देने की जरुरत है. प्यार से बच्चा आपकी बात समझेगा भी और दोबारा वो गलती भी नहीं करेगा. नहीं को कई बार बच्चे डांट खाने के बाद जिद्दी हो जाते हैं और बार-बार एक ही गलती दोहराने लगते हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.