Difference between Ayurvedic and allopathic treatment: सेहत को लेकर जागरूक लोगों के मन में ज्यादातर समय इस बात की दुविधा होती है कि क्या आयुर्वेदिक और एलोपैथिक दवाइयों को एक साथ लिया जा सकता है. ऐसा करने से सेहत को फायदा होता है या नुकसान यह सवाल लोगों को परेशान करता रहता है. कई लोग एलोपैथिक मेडिसिन को स्वास्थ्य के लिए लंबे समय के लिए सुरक्षित नहीं मानते तो कई लोग आयुर्वेदिक औषधियों को लेकर संदेह जताते हैं. वहीं, कुछ लोग अलग-अलग बीमारियों और शारीरिक दिक्कतों में दोनों दवाइयों का सेवन करते हैं.
आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज और एलोपैथिक ट्रीटमेंट में क्या है अंतर?
भारत में पारंपरिक तौर आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज को खास माना जाता है. वहीं, मॉडर्न लोग एलोपैथिक ट्रीटमेंट को बेहतर बताते हैं. सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार हो या अर्थराइटिस, पाइल्स, किडनी में पथरी जैसी समस्या ज्यादातर लोगों का रुझान आयुर्वेदिक चिकित्सा की तरफ होता है. वहीं, एलोपैथिक दवाओं का आकर्षण भी पीड़ितों और उनके परिजनों को अपनी ओर खींचता है. कई बार मरीज एक ही वक्त पर दोनों दवाएं लेने लग जाते हैं. इसके बाद फिर ऊपर लिखे सवालों में उलझने लगते हैं.
क्या आयुर्वेदिक और एलोपैथिक दवाएं एक साथ ले सकते हैं?
आयुर्वेदिक और एलोपैथिक दवाइयों को साथ लेने से फायदा होता है या नुकसान? इस सवाल पर कई सीनियर मेडिकल प्रोफेशनल्स का कहना है कि आमतौर पर यह बीमारी की गंभीरता पर निर्भर होता है. एलोपैथी मेडिसिन बीमारी के फौरन इलाज का दावा करती है. इमरजेंसी या किसी इंफेक्शन की हालत में लोग एलोपैथी दवा लेने को बेहतर समझते हैं. वहीं, आयुर्वेदिक दवाओं का असर धीरे-धीरे दिखता है. हालांकि, थायराइड जैसी कुछ लाइफस्टाइल डिजीज में एलोपैथी के डॉक्टर मरीजों को एलोपैथी के साथ आयुर्वेदिक दवाएं लेने से नहीं रोकते.
बीमारियों के कारण, लक्षण और इलाज को लेकर आयुर्वेदिक और एलोपैथिक डॉक्टर की राय में कई बार अंतर होता है. पुरानी और जटिल बीमारियों में आयुर्वेद की सिफारिश की जाती है. वही, जान पर संकट लाने वाली बीमारियों में तुरंत राहत के लिए एलोपैथी की ओर बढ़ा जाता है.
माना जाता है कि आयुर्वेद बामारियों का जड़ से इलाज करता है. वहीं, एलोपैथी में बीमारियों का प्रबंधन किया जाता है. हालांकि, दोनों ही चिकित्सा पद्धति के जानकार डॉक्टर्स का मानना है कि अगर आयुर्वेदिक और एलोपैथी दवा साथ में लेना चाहते हैं तो यह काम खुद से न करें, बल्कि अपने डॉक्टर की सलाह लेकर उनकी निगरानी में ही ऐसा करें.