भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, मणिपुर (Manipur) की एक छोटी बच्ची ने इमोशनल कर देने वाली प्यारी आवाज में भारत का राष्ट्रीय गान (National Anthem) ‘जन गण मन’ (Jana Gana Mana) गाकर दिलों को मंत्रमुग्ध कर दिया. उसकी खूबसूरत आवाज और अपनी जड़ों से लगाव छोटी लड़की के आत्मविश्वासपूर्ण प्रदर्शन में झलकता है, जो सोशल मीडिया पर वीडियो के वायरल होने के बाद सामने आया. इस परफॉर्मेंस को न केवल उसकी आवाज के लिए बल्कि उसके आत्मविश्वास के लिए भी तारीफें मिल रही हैं, क्योंकि यह सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर वायरल हो गया.
मणिपुर के मुख्यमंत्री ने शेयर किया Video
लड़की का वीडियो मूल रूप से मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह द्वारा साझा किया गया था. वह उसकी प्रस्तुति से प्रभावित हुए और उन्होंने कैप्शन में लिखा, “मेरा भारत महान! इस छोटी मणिपुरी लड़की की राष्ट्रगान की प्रस्तुति ने न केवल सभी को प्रभावित किया है, बल्कि हमारे दिलों को भी छू लिया है. जरूर सुनें.”
यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है और इसे हजारों लोगों ने लाइक और शेयर किया है, जो उनकी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के प्रति उनके समर्पण की सराहना करते हैं. ‘जन गण मन’ भारत का राष्ट्रीय गान है, जो मूल रूप से कवि रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा बंगाली में लिखा गया था, जिन्हें 1913 में साहित्य में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. इसके अलावा 15 अगस्त को नोबेल पुरस्कार फाउंडेशन ने रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा हस्तलिखित भारत के राष्ट्रगान का अनुवाद साझा किया था.
देखें Video:
आप भारत के भाग्य के विधाता हैं
“द मॉर्निंग सॉन्ग ऑफ इंडिया” शीर्षक से अनुवादित संस्करण में लिखा है, “आप सभी भारत के भाग्य के निर्माता हैं. आपका नाम पंजाब, सिंध, गुजरात और मराठा, द्रविड़, उड़ीसा और बंगाल के दिलों को जगाता है.” यह विंध्य और हिमालय की पहाड़ियों में गूंजता है, यमुना और गंगा के संगीत में घुलमिल जाता है, और हिंद महासागर की लहरें आपके आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करती हैं और आपकी प्रशंसा करती हैं सभी लोगों की रक्षा आपके हाथ में है, आप भारत के भाग्य के विधाता हैं, आपकी जय हो, जय हो!
“Jana Gana Mana” is the national anthem of India, originally composed in Bengali by poet Rabindranath Tagore, who was awarded the Nobel Prize in Literature in 1913.
Pictured: An English translation of Jana Gana Mana by Tagore pic.twitter.com/8p1AzBNQoQ
— The Nobel Prize (@NobelPrize) August 15, 2024
न्यूयॉर्क में राष्ट्रगान के रूप में “जन गण मन” की रिकॉर्डिंग
भारत के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता, रवींद्रनाथ टैगोर ने मूल रूप से 11 दिसंबर, 1911 को बंगाली में “भरोतो भाग्यो बिधाता” के रूप में भजन की रचना की थी. गीत के 5 छंदों में से पहले को 24, जनवरी 1950 में भारत की संविधान सभा द्वारा राष्ट्रगान के रूप में अपनाया गया था. 1947 में न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र की महासभा में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने देश के राष्ट्रगान के रूप में “जन गण मन” की रिकॉर्डिंग दी.