दिल्ली में बुधवार को प्रदूषण का स्तर खतरनाक बना रहा और शाम छह बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 448 दर्ज किया गया, जो कि ‘अति गंभीर’ श्रेणी के करीब पहुंच गया. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है.राष्ट्रीय राजधानी के 36 निगरानी केंद्रों में से 32 ने वायु गुणवत्ता ‘अति गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की और कई स्थानों पर एक्यूआई 480 के पार पहुंच गया. शेष केंद्रों ने वायु गुणवत्ता को ‘गंभीर’ बताया.
आनंद विहार, बवाना, बुराड़ी, द्वारका, आईटीओ, जहांगीरपुरी, नॉर्थ कैंपस डीयू जैसे क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता ‘अति गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई. सीपीसीबी की बहु स्तरीय चेतावनियों के अनुसार 400 या उससे अधिक एक्यूआई पर तत्काल ध्यान देने जरूरत होती है.
विशेषज्ञों के अनुसार, हवा की गति में कमी के कारण स्थानीय प्रदूषक वायुमंडल में एकत्रित हो रहे हैं, जिसके कारण पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में वायु की गुणवत्ता जहरीली हो गई है. दिल्ली में मंगलवार को शाम चार बजे तक 24 घंटे का औसत एक्यूआई 433 था, जबकि सोमवार को यह 379 रहा. दिल्ली में पूरे दिन हल्का कोहरा छाया रहा और कई इलाकों में हवा ने परेशानी बढ़ा दी.
दिल्ली में अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से थोड़ा अधिक था, लेकिन शाम के समय अपेक्षा से अधिक ठंडा महसूस की गई. न्यूनतम तापमान 7.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से एक डिग्री कम है.
राष्ट्रीय राजधानी अभी भी ‘ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान’ (ग्रैप) के चौथे चरण के अंतर्गत है और इसमें निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध तथा दिल्ली में गैर-जरूरी प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों के दिल्ली में प्रवेश पर रोक शामिल है. सीपीसीबी के अनुसार, 400 या उससे अधिक एक्यूआई में तत्काल ध्यान देने की जरूरत होती है.
‘ग्रैप’ का पहला चरण एक्यूआई के 201 से 300 के बीच (खराब श्रेणी) होने पर, दूसरा चरण 301 से 400 के बीच (बहुत खराब) होने पर, तीसरा चरण 401 से 450 के बीच (गंभीर) होने पर और चौथा चरण 450 से अधिक (अति गंभीर) होने पर लागू होता है.