महाराष्ट्र : एमएसआरटीसी की हड़ताल से यात्री परेशान, 96 बस डिपो पूरी तरह से बंद

वेतन वृद्धि और अन्य मांगों को लेकर महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) के कर्मचारियों की हड़ताल बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रहने से परिवहन सेवाएं प्रभावित हुईं. खासकर गणेश उत्सव से पहले हुई इस हड़ताल से लाखों यात्रियों को असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है.

अधिकारियों ने बताया कि हड़ताल के प्रभाव को कम करने के लिए एमएसआरटीसी प्रशासन अनुबंधों के आधार पर बाहर से चालकों की नियुक्ति पर विचार कर रहा है. राज्य सरकार के कर्मचारियों के समान वेतन और राज्य क्षेत्र के अपने समकक्षों के बराबर वेतनमान समायोजन की मांग करते हुए एमएसआरटीसी कर्मचारियों ने मंगलवार को हड़ताल शुरू की. एमएसआरटीसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि 11 ट्रेड यूनियनों की कार्य समिति द्वारा बुलाई गई हड़ताल के कारण निगम के कुल 251 बस डिपो में से 96 पूरी तरह से बंद रहे और 82 बस डिपो आंशिक रूप से बंद हैं, जबकि शेष 73 पूरी तरह से संचालित हैं.

अधिकारियों ने कहा, ‘‘यह हड़ताल मराठवाड़ा और उत्तर महाराष्ट्र क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रही है, जहां आज 26 और 32 डिपो पूरी तरह बंद हैं.” अधिकारी ने बताया कि हालांकि मुंबई-पुणे प्रीमियम ई-शिवनेरी बस सेवा प्रभावित नहीं हुई है.

अधिकारियों ने बताया कि निगम लंबी अवधि के अनुबंध पर चालकों की नियुक्ती की योजना बना रहा है और इसके तहत योग्य चालकों के लिए एजेंसियों से नियुक्तियां की जा रही हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए बुधवार शाम सह्याद्री गेस्ट हाउस में एमएसआरटीसी ट्रेड यूनियन नेताओं के साथ बैठक बुलाई है।

हड़ताल के कारण राज्य भर में यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. नियमित सेवाओं के अलावा, गणेश उत्सव के लिए एमएसआरटीसी की विशेष बसों का संचालन भी प्रभावित हुआ है. यहां 10 दिवसीय गणेश उत्सव सात सितंबर से शुरू हो रहा है.

अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न समूहों द्वारा बुक की गईं 4,300 सेवाओं सहित कुल पांच हजार अतिरिक्त ‘त्यौहार विशेष बसें’ तीन से सात सितंबर के बीच मुंबई, ठाणे और पालघर खंडों से संचालित करने की योजना थी. बुधवार को एक हजार से अधिक ऐसी बसें कोंकण के लिए रवाना होने वाली थीं.

एमएसआरटीसी प्रशासन ने कहा कि एक औद्योगिक अदालत ने हड़ताल को अवैध घोषित कर दिया है और ट्रेड यूनियनों तथा कर्मचारियों को काम पर लौटने का निर्देश दिया है. निगम ने स्थानीय प्राधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे ड्यूटी पर आने के इच्छुक कर्मचारियों के काम में बाधा डालने वाले व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करें तथा ऐसी घटनाओं की वीडियो रिकॉर्डिंग करें.

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