Chhath Puja 2024: चार दिनों का पर्व छठ हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है. मान्यतानुसार छठ का व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक होता है जिसे परिवार की खुशहाली और संतान की सलामती के लिए रखा जाता है. पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठि तिथि पर छठ पूजा की जाती है. नहाय खाय और खरना के बाद आज 7 नवंबर के दिन छठ पूजा के तीसरे दिन की पूजा की जा रही है. छठ के तीसरे दिन पर भगवान सूर्य की उपासना की जाती है. इसमें डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा संपन्न होती है. व्रत रखने वाले किसी पवित्र नदी, तालाब या कुंड में खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य दते हैं. यहां जानिए भारत समेत यूनाइटेड स्टेट्स में छठ पूजा के तीसरे दिन संध्या अर्घ्य (Sandhya Arghya) का शुभ मुहूर्त क्या है.
छठी मैया को प्रसन्न करने के लिए चढ़ाए जाते हैं ये खास प्रसाद, जानिए इन प्रसाद का क्या है महत्व
छठ पूजा में संध्या अर्घ्य का शुभ मुहूर्त | Chhath Puja Sandhya Arghya Shubh Muhurt
भारत में छठ पूजा का संध्या अर्घ्य सूर्यास्त के समय 5 बजकर 31 मिनट पर दिया जाएगा. अन्य देशों और क्षेत्रों में सूर्यास्त का समय US टाइम जोन के अनुसार निम्न दिया गया है.
अल्बामा, बर्मिंघम – शाम 05:02 बजे
एरिजोना – शाम 05:32 बजे
कोलोरेडो, डेनवर – शाम 05: 02 बजे
कनेटिकट – शाम 05:02 बजे
फ्लोरिडा, मियामी, टंपा, ओर्लैंडो, जैक्सनविल – शाम 05:02 बजे
जॉर्जिया – शाम 05:02 बजे
हवाई – शाम 05:02 बजे
ओरेगोन, पॉर्टलैंड – शाम 04:32 बजे
वॉशिंग्टन, सिएटल – शाम 04:23 बजे
पेसिंलवेनिया – शाम 05:02 बजे
साउथ कैरोलाइना – शाम 05:02 बजे
साउथ डकौटा – शाम 05:02 बजे
टेनेसिस, नैशविल – शाम 05:02 बजे
टेक्सस – शाम 05:02 बजे
ऊटाह – शाम 05:02 बजे
वर्जिनिया – शाम 05:02 बजे
वेस्ट वर्जिनिया – शाम 05:02 बजे
कैसे देते हैं सूर्य देव को अर्घ्य
छठ पूजा पर संध्या के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य देने की विशेष धार्मिक मान्यता होती है. अर्घ्य देते समय फलों और प्रसाद की टोकरियों को सूर्य की किरणों के समक्ष आशीर्वाद के लिए रखा जाता है. सूर्यास्त होने से पहले ही व्रती पानी में जाकर खड़े हो जाते हैं. इसके बाद लोटे में साफ जल भरकर उसमें कुछ बूंदे कच्चे दूध की, लाल चंदन, अक्षत, कुश और फूल डाला जाता है. इस पानी से ही सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं.
भगवान सूर्य के मंत्रों का जाप करते हुए अर्घ्य दिया जाता है. अर्घ्य देते हुए इस बात का ध्यान रखा जाता है कि जल की बूंदे पैरों पर ना पड़ें. अर्घ्य देते हुए छठी मैया (Chhathi Maiyya) का ध्यान भी किया जाता है. अर्घ्य देने के बाद छठी मैया के गीत गाए जाते हैं, छठ पूजा के व्रत की कथा सुनी जाती है और सभी को सुनाई जाती है. अगली सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ पूजा का समापन हो जाता है.
भगवान सूर्य का मंत्र
सूर्य देव को अर्घ्य देने के दौरान यहां दिए इस मंत्र का जाप किया जा सकता है-
ओम ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते। अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)