Chhoti Diwali 2024: धनतेरस से दीपावली के 5 दिनों के त्योहार की शुरुआत हो गई है. इसके बाद नरक चतुर्दशी यानी कि छोटी दिवाली का त्योहार मनाया जाता है जो इस बार आज 30 अक्टूबर, बुधवार के दिन पड़ रहा है. यह दिन हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ता है. इस दिन घर के बाहर दीपक जलाने का विशेष महत्व होता है, लेकिन शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि छोटी दिवाली यानी कि नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) के दिन कितने दीये जलाने चाहिए और इसका महत्व क्या है. ऐसे में यहां जानिए इस दिन कितने दीये जलाने हैं सही.
अयोध्या राम मंदिर में मनाई जाएगी पहली दिवाली, 28 लाख दीयों से रोशन होगी राम नगरी
दिवाली पर 14 दीये जलाने का है विशेष महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नरक चतुर्दशी के दिन एक-दो या 10 नहीं बल्कि 14 दीपक जलाने चाहिए क्योंकि यह तिथि चतुर्दशी यानी कि चौदस पर पड़ती है इसलिए इस दिन 14 दीये जलाने का विशेष महत्व होता है.
नरक चतुर्दशी पर हर दीपक का है विशेष महत्व
छोटी दिवाली पर एक दीया आटे का यम का दीया होता है जिसमें चौमुखी बाती का इस्तेमाल किया जाता है. दूसरा दीया मां काली के लिए और तीसरा दीया भगवान श्रीकृष्ण के लिए जलाया जाता है. इसके अलावा छोटी दिवाली पर चौथा दीया घर के मुख्य द्वार पर और पांचवा दीया घर की पूर्व दिशा में जलाना शुभ माना जाता है.
नरक चतुर्दशी पर छठा दीया रसोई में मां अन्नपूर्णा के नाम से जलाएं. इसके बाद सातवां दीया घर की छत पर जलाएं. आठवां दीया तुलसी के पौधे के पास रखें और बाकी अन्य दीयों (Lamps) को आप घर की बाल्कनी, सीढ़ियों या मेन गेट के पास जला सकते हैं.
ध्यान रखने योग्य बातें
नरक चतुर्दशी पर जब आप 14 दीये जलाएं तो घर के मंदिर के दीये को इससे अलग रखें. सबसे पहले अपने घर के मंदिर में देवी देवताओं के समक्ष एक घी का दीया जलाएं, इसके बाद 14 दीयों को घर के अलग-अलग स्थान पर जलाएं. ध्यान रखें कि नरक चतुर्दशी के दिन सरसों के तेल में दीया जलाएं जिसमें रूई की लंबी बाती हो.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)