Kalashtami 2024: हर माह मनाई जाने वाली कालाष्टमी को मासिक कालाष्टमी कहा जाता है. पंचांग के अनुसार, मासिक कालाष्टमी का व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर रखा जाता है. इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव (Kaal Bhairav) की पूजा की जाती है. माना जाता है कि भैरव बाबा की पूरी श्रद्धाभाव से पूजा की जाए तो जीवन से नकारात्मकता दूर हो जाती है और नकारात्मक शक्तियां भी व्यक्ति को छू नहीं पाती हैं. यहां जानिए पौष माह में किस दिन रखा जाएगा कालाष्टमी का व्रत और किस तरह संपन्न की जाएगी कालाष्टमी की पूजा.
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मासिक कालाष्टमी की तिथि | Masik Kalashtami Date
हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 22 दिसंबर की दोपहर 2 बजकर 31 मिनट से शुरू होगी और इस तिथि का समापन 23 दिसंबर की शाम 5 बजकर 7 मिनट पर हो जाएगा. ऐसे में निशिता मुहूर्त के आधार पर कालाष्टमी का व्रत 22 दिसंबर के दिन रखा जाएगा.
कालाष्टमी का शुभ मुहूर्त
कालाष्टमी के दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:45 बजे से 01:33 बजे तक रहेगा. इस दिन अमृत काल का मुहूर्त सुबह 3:34 से शुरू होकर अगले दिन सुबह 5:22 तक रहेगा. रवि योग सुबह 7:08 से शुरू होकर 8:44 तक रहेगा. वहीं, सर्वार्थ सिद्धि योग की शुरूआत सुबह 8:44 से होगी और इसका समापन अगले दिन सुबह 7:09 पर होगा. कालाष्टमी पर निशिता मुहूर्त सुबह 12:45 से शुरू होगा और इसका समापन अगले दिन सुबह 01:33 पर हो जाएगा.
बन रहे हैं शुभ योग
पौष माह की मासिक कालाष्टमी पर कई शुभ योग (Shubh Yog) बन रहे हैं. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, आयुष्मान योग, त्रिपुष्कर योग और सौभाग्य योग बनने जा रहे हैं. सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन रहेगा, त्रिपुष्कर योग इस दिन सुबह 7 बजकर 10 मिनट से लेकर दोपहर 2 बजकर 31 मिनट तक रहने वाला है. इन योगों को बेहद शुभ माना जाता है और कहते हैं इनसे सभी कार्यों में सफलता मिलती है.
भैरव बाबा का भोग
कालाष्टमी के दिन बाबा भैरव की पूजा में फल और मिठाइयों को भोग स्वरूप अर्पित किया जाता है. केले, सेब, अंगुर, लड्डू, बर्फी और हलवा भोग में शामिल किए जा सकते हैं. पान के पत्ते और सूखे मेवों को भी भोग (Bhog) में रखा जा सकता है. काल भैरव पर काले तिल चढ़ाना भी शुभ माना जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)